Uttar Pradesh Noida Authority: नोएडा अथॉरिटी अधिसूचित और अधिग्रहीत जमीन पर अवैध निर्माणों पर लगातार एक्शन ले रही है। ट्विन टावर को गिराने के बाद अथॉरिटी एक बार फिर बड़े एक्शन में दिख रही है। इस बार नोएडा अथॉरिटी 12 अवैध इमारतों को ध्वस्त करेगी। दावा है कि शहर के बरौला इलाके में बनी इन इमारतों के संचालकों को कई बार नोटिस दिया गया था, लेकिन नोटिस न मिलने पर अब एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए अथॉरिटी ने एजेंसी का भी चयन कर लिया है।
12 अवैध इमारतों का टूटना लगभग तय
जानकारी के मुताबिक, बरौला गांव बनी 12 अवैध इमारतों का टूटना लगभग तय हो गया है। अथॉरिटी के नोटिस पर कोई भी अपना पक्ष रखने नहीं आया है। ऐसे में अथॉरिटी ने इमारतों को तोड़ने की तैयारी कर ली है। शनिवार को अथॉरिटी की टीम ने मौके पर जाकर इसके बारे में स्थानीय लोगों को बता भी दिया है। वहीं अथॉरिटी के सीनियर अधिकारियों ने इस कार्रवाई के लिए पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की मांग की है। इससे कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि प्राइम लोकेशन वाली इस जमीन पर कई अपार्टमेंट हैं। अपार्टमेंट में फ्लैट बेचकर बड़ी संख्या में लोग फंसा दिए गए हैं। फ्लैटों में लोग रह रहे हैं। वहीं 3-4 इमारतों में कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है।
2015-2017 के बीच हुआ निर्माण
बताया जा रहा है कि 12 इमारतों का मुद्दा 2023 से अथॉरिटी में चल रहा है। अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि इमारतें पूरी तरह से अवैध हैं। इमारतों को अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्र में बनाया गया है। न तो नक्शा पास करवाया गया है और न ही अथॉरिटी ने मंजूरी दी है। इनका निर्माण 2015-2017 के बीच हुआ है। नोटिस के बाद इमारतों का निर्माण कराने वाले लोग कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने अथॉरिटी की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए संबंधित इमारते अवैध घोषित की गई।
नोटिस का जवाब न मिलने पर हुआ एक्शन
इस पूरे मामले को लेकर नोएडा अथॉरिटी ओएसडी क्रांति शेखर सिंह का कहना है कि बरौला गांव में अधिसूचित एवं अधिग्रहीत जमीन पर यह इमारतें बनाई गई हैं। इन इमारतों का न तो कोई नक्शा पास करवाया गया है, न ही अथॉरिटी से मंजूरी ली गई है। कई बार नोटिस दिए जाने के बाद जवाब नहीं दिया गया है। जिसके बाद अथॉरिटी ने इमारतों को ध्वस्त किए जाने का निर्णय लिया है।
तोड़ने के लिए एजेंसी का किया चयन
बताया जा रहा है कि नोएडा अथॉरिटी ने इमारतों को तोड़ने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया है। अथॉरिटी के एजेंसी के साथ अनुबंध की प्रक्रिया भी पूरी हो गई। इसके तहत एजेंसी करीब 90 लाख रुपए अथॉरिटी को देगी, जबकि इमारत तोड़ने पर सरिया, ईंट, निर्माण से संबंधित मलबा एजेंसी का होगा। वहीं अथॉरिटी के इस एक्शन के बाद इमारतों के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। सभी कार्रवाई को रुकवाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।