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Suraj Tiwari Success Story: सफलता के शिखर पर चमका ‘सूरज’; UPSC इंटरव्यू में पूछे गए थे ये 5 सवाल

Suraj Tiwari Success Story: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रहने वाले सूरज तिवारी की कहानी अपने आप में एक अजूबा है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल करने वाले सूरज ने साबित कर दिया है कि बुलंद हौसले के आगे कठिन से कठिन परिस्थिति भी रोड़ा नहीं बन सकती है। सूरज के जज्बे […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: May 25, 2023 11:11
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Suraj Tiwari Success Story: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रहने वाले सूरज तिवारी की कहानी अपने आप में एक अजूबा है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल करने वाले सूरज ने साबित कर दिया है कि बुलंद हौसले के आगे कठिन से कठिन परिस्थिति भी रोड़ा नहीं बन सकती है। सूरज के जज्बे को देखकर इंटरव्यू पैनलिस्ट भी प्रभावित हो गए। इंटरव्यू के दौरान सूरज से पांच सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने कुछ इस तरह से जवाब दिया।

सूरज ने ऐसे दिया सवालों का जवाब

सूरज तिवारी ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उनसे पैनलिस्ट ने कई सवाल पूछे, लेकिन पांच सवाल महत्वपूर्ण थे। उनसे उनके गृह जनपद मैनपुरी और मुलायम सिंह यादव, रशियन लैंग्वेज, इंडियन इकोनॉमी, रशिया-यूक्रेन युद्ध और सूरज तिवारी के साथ हुए हादसे के बारे में पूछा। जवाब में सूरज ने सभी के उत्तर दिए, जबकि इंडियन इकोनॉमी पर उन्होंने ‘सॉरी मैम’ कहा। सूरज ने मुलायम सिंह के जीवन के बारे में बताया। इसके अलावा रशियन लेंग्वेज से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया।

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2017 में दादरी में हुआ था ट्रेन हादसा

अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताते हुए सूरज ने कहा कि वर्ष 2017 में गाजियाबाद के दादरी में उनके साथ एक ट्रेन दुर्घटना हुई थी। इसमें उन्होंने अपने दोनों पैर, दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को गवां दिया। हादसे के बाद वे काफी दिनों तक बिस्तर पर ही रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी, जिसका ताजा उदाहरण यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे हैं।

पिता बोले- ‘सूरज’ जैसा बेटा मेरे घर पैदा हुआ

सूरज तिवारी की कामयाबी पर पिता रमेश कुमार तिवारी की खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, मेरे बेटे ने मुझे गौरवान्वित किया है। सूरज बहुत बहादुर है। उसने सिर्फ तीन उंगलियों से ही परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि घटना के बाद भी उसका मन कभी कमजोर नहीं हुआ। भावुक होते हुए पिता ने कहा कि वह हमेशा कहता था कि आप घबराओ मत।

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मां बोलीं- सूरज कहता था, मैं पैसा कमाऊंगा

सूरज तिवारी की मां आशा देवी तिवारी कहती हैं कि मेरा बेटा बहुत बहादुर है। सूरज ने कभी हार नहीं मानी और जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की। वह हमेशा अपने छोटे भाई-बहनों को कड़ी मेहनत के लिए कहता है। सूरज की मां ने कहा कि उसके हौसले बुलंद थे और हैं। हादसे के बाद भी उसने कभी हिम्मत नहीं हारी बल्कि उसने हमें ही हौसला दिलाया कि आप चिंता मत करिए मैं पैसा कमाऊंगा।

सूरज ने हासिल की 917वीं रैंक

सूरज तिवारी मैनपुरी के कुरावली नगर के घरनाजपुर मोहल्ला के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी दिव्यांगता की परवाह न करते हुए यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिकल की। उनकी इस सफलता पर आम से लेकर खास तक ने उन्हें बधाई दी है।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: May 25, 2023 11:11 AM

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