UP News: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों को कोविड काल के दौरान दी गई फीस का 15 प्रतिशत हिस्सा अभिभावकों को वापस करने या अगले सत्र में समायोजित करने का निर्देश दिया गया था।
एक निजी स्कूल की ओर से पेश की गई याचिका
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने एक निजी स्कूल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। बताया गया है कि एक निजी स्कूल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान, सी. जॉर्ज थॉमस और आरुष खन्ना कोर्ट के सामने पेश हुए थे।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक निजी स्कूल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसी साल जनवरी में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को महामारी काल (कोविड काल) के दौरान छात्रों के अभिभावकों से वसूली गई फिस को समायोजित करने या वापस करने का निर्देश दिया था।
स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात
निजी स्कूलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन में पारित किया गया था। स्कूलों की ओर से कहा गया है कि सुनवाई के दौरान उन्हें अपना पक्ष, अपनी बात और समस्या के बारे में बताने का मौका भी नहीं दिया गया।