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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

CBI रियल एस्टेट के बड़े घोटाले की करेगी जांच, यमुना अथॉरिटी के ये प्रोजेक्ट्स भी निशाने पर

Noida News: सीबीआई ने यमुना अथॉरिटी के रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स जांच शुरू कर दी है। CBIने पिछले सप्ताह यीडा को औपचारिक पत्र भेजकर इन प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। इन दस्तावेजों में भूमि आवंटन, लीज डीड, स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, भुगतान रिकॉर्ड और बिल्डरों व प्राधिकरण के बीच पत्राचार से जुड़ी फाइलें शामिल हैं।

Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: May 13, 2025 21:30
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सीबीआई यमुना अथॉरिटी के प्रोजेक्ट्स की जांच करेगी

Noida News: यमुना अथॉरिटी के रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स की Central Bureau of Investigation (CBI) जांच करेगी। बताया जा रहा है कि सब्सिडी योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की है। इस जांच के दायरे में यीडा के सेक्टर 17ए में सुपरटेक की अपकंट्री, सेक्टर 22डी में ओएसिस रियलटेक की ट्रेंडस्टैंड और जेपी ग्रुप की कोव एंड कैसिया प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

बिल्डरों और बैंकों ने खरीदारों का किया नुकसान

CBIने पिछले सप्ताह यीडा को औपचारिक पत्र भेजकर इन प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। इन दस्तावेजों में भूमि आवंटन, लीज डीड, स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, भुगतान रिकॉर्ड और बिल्डरों व प्राधिकरण के बीच पत्राचार से जुड़ी फाइलें शामिल हैं। दरअसल, 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि बिल्डरों और बैंकों के बीच अवैध मिलीभगत के कारण निर्दोष खरीदारों को भारी नुकसान हुआ है।

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रियल एस्टेट का बड़ा घोटाला

कोर्ट ने इस मामले को देशभर में फैला एक बड़ा रियल एस्टेट घोटाला करार दिया था। इसके तहत सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच दर्ज करनी है। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम, गाजियाबाद और मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता जैसे महानगरों के प्रोजेक्ट शामिल हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को जांच में सहयोग के लिए पुलिस अधिकारी तैनात करने के आदेश दिए गए हैं।

CBI को सौंपे दस्तावेज

यमुना अथॉरिटी सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि CBI टीम का जांच में सहयोग किया जा रहा है। सभी जरूरी दस्तावेज CBI अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं। आगे भी सीबीआई अधिकारियों का इसी प्रकार सहयोग किया जाएगा।

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यह है सबवेंशन स्कीम विवाद

सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डर बैंकों से यह समझौता करते थे कि वे खरीदार को फ्लैट का कब्जा मिलने तक होम लोन की ईएमआई खुद भरेंगे। लेकिन कई मामलों में बिल्डर समय पर भुगतान नहीं करते थे और बैंक सीधे खरीदारों से ईएमआई वसूलने लगते थे। इस तरह हजारों खरीदार कर्ज के बोझ तले दब गए जबकि प्रोजेक्ट अधूरे रह गए या दिवालिया प्रक्रिया में चले गए।

First published on: May 13, 2025 09:30 PM

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