उत्तर प्रदेश के मेरठ में मर्चेंट नेवी अफसर रहे सौरभ राजपूत के हत्यारोपियों मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला को अपने किए का कोई पछतावा नहीं है, तभी तो उन्होंने अपनी वकील रेखा जैन से ऐसी मांग कर डाली, जिसके बारे में जानकर चौंक जाएंगे। पति सौरभ राजपूत की बेरहमी से हत्या करके शव के टुकड़े करने वाली मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को सरकारी वकील उपलब्ध कराया गया है, क्योंकि परिवार ने उनका साथ देने से इनकार कर दिया है।
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने शनिवार को बताया कि मुस्कान और साहिल की वकील रेखा जैन हैं, जो अपनी 3 वकीलों की टीम के साथ दोनों आरोपियों से मिलने शनिवार को जेल पहुंचीं। रेखा जैन और उनकी टीम ने साहिल और मुस्कान दोनों से अलग-अलग मुलाकात की और सवाल पूछे, लेकिन दोनों ने वकील रेखा जैन के सामने एक मांग रखी है।
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मुस्कान-साहिल ने ये इच्छा जताई
जेलर वीरेश ने बताया कि मेरठ जेल में साहिल और मुस्कान को अलग-अलग बैरक में रखा है, लेकिन वे साथ रहना चाहते हैं। इस बारे में उन्होंने अपनी वकील रेखा जैन से भी बात की। दोनों ने वकील के सामने इच्छा जताई कि वे दोनों साथ रहना चाहते हैं। मुस्कान ने वकील से कहा कि साहिल से मिलवा दीजिए। जमानत दिलवा दीजिए, ताकि जेल से बाहर जाकर दोनों साथ रह सकें। इसके जवाब ने वकील ने मुस्कान से पूछा कि क्या तुम दोनों शादीशुदा हो?
जेल मैन्युअल है कि अगर कोई महिला जेल के अंदर है और उसका पति भी जेल के अंदर है तो पति-पत्नी की मुलाकात 15 दिन में एक बार कराई जा सकती है। अगर नहीं तो जेल के अंदर किसी महिला की जेल में ही कैद किसी पुरुष से मुलाकात नहीं कराई जा सकती। अगर तुम दोनों शादीशुदा हो तो सबूत पेश करो, लेकिन मुस्कान कोई सबूत नहीं दे पाई। वकील ने दोनों को जमानत अर्जी डालने का आश्वासन दिया।
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मुस्कान और साहिल ने मांगा था वकील
जेलर वीरेश ने बताया कि मुस्कान और साहिल की पैरवी करने से उनके परिजनों ने इनकार कर दिया है। वे दोनों से मिलना तक नहीं चाहते। इसलिए दोनों ने सरकारी वकील की मांग की थी। नियमों के अनुसार, दोनों को सरकारी वकील मिल गया है। काउंसिल ने सीनियर एडवोकेट रेखा जैन को उनका वकील अपॉइंट किया है। वे अपनी टीम एडवोकेट नासिर अहमद, अंबर सहारण और चंद्रिका कौशिक के साथ साहिल और मुस्कान से मिलने के लिए जेल आई थीं।
जेल आते ही उन्होंने दोनों के अपना और अपनी टीम का परिचय दिया। उनसे पूछा कि क्या वे उन्हें अपना वकील स्वीकार करते हैं। सरकार ने उन्हें दोनों का वकील नियुक्त किया है। अगर उन्हें स्वीकार है तो वे वकालतनामे पर साइन कर दें। दोनों ने हामी भरी और वकालतनामे पर साइन कर दिए। रेखा जैन पिछले 2 साल से चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल हैं। 10 साल से ज्यादा समय से वे वकालत की प्रैक्टिस कर रही हैं।