Sambhal News: बीते साल उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के बाद हिंसा की जांच करने के लिए गठित हुई कमैटी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ को सौंप दी है। रिपोर्ट में संभल में हिंदुओं की घटती आबादी का कारण भी बताया गया है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में ना केवल बीते साल की हिंसा के बारे में बताया गया है, बल्कि संभल में कब-कब कितने दंगे हुए हुआ और उनमें क्या-क्या कार्रवाई की गई है, इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।
संभल हिंसा की जांच के लिए गठित हुई थी न्यायिक आयोग की टीम
बीते साल 24 नवंबर 2024 को सम्भल की मस्जिद में सर्वे करने के दौरान हिंसा हुई थी। हिंसा के बाद इसकी जांच के लिए न्यायिक आयोग टीम का गठन किया गया था। न्यायिक आयोग टीम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा और रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन रिटायर्ड, आईपीएस अरविंद कुमार जैन कर रहे थे जांच। गुरुवार को न्यायिक आयोग की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपी है। सूत्रों के अनुसार, आयोग की टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में सम्भल जनपद को लेकर कई गंभीर और चौंकाने वाले तथ्य दर्ज हैं।
घटी हिंदूओं की आबादी
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में बताया गया है कि हरिहर मंदिर पर बाबर काल के साक्ष्य मिले है। सम्भल स्थित हरिहर मंदिर की नींव में बाबरी काल के प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में डेमोग्राफिक बदलाव का भी जिक्र किया गया है। जिसमें बताया गया है कि 1947 में सम्भल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदू 45% और मुस्लिम 55% थे। हाल में हिंदू घटकर सिर्फ 15% रह गए, जबकि मुस्लिम आबादी 85% तक पहुंच गई। रिपोर्ट में तुष्टिकरण, योजनाबद्ध दंगे और डर का माहौल इस बदलाव की प्रमुख वजहें मानी गई हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में 1947 से 2019 तक 15 बड़े दंगों का दस्तावेजी विवरण दिया गया है।
संभल दंगों की रिपोर्ट पर भाजपा की प्रतिक्रिया
संभल दंगों पर आई रिपोर्ट पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संभल रिपोर्ट से सच सामने आया है। देशभर में जनसंख्या असंतुलन के प्रयास हो रहे हैं। संभल में हिंदुओं की आबादी कम हुई। जहां भी सुरक्षा के एहसास का अभाव होता है, वहां पलायन होता है। डेमोग्राफी चेंज हो जाती है। इंसानी जीवन के लिए सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण विषय है। संभल हिंसा को लेकर जो रिपोर्ट आई है वो इस बात को अंकित कर रही है कि दंगे में बड़ी संख्या में हिंदुओं को पलायन करना पड़ा है। हमने देश का इतिहास देखा है दुनिया भर में दंगे में मजहब या जाति के आधार पर प्रताड़ित किया जाता है। वहां उनकी संख्या कम हो जाती है जैसे संभाल में हिंदुओं की संख्या कम हुई है। देश की डेमोग्राफी बदलने के लिए साजिश रची जा रही है।
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