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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

संभल मस्जिद मामले में हाईकोर्ट का झटका, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका हुई खारिज

Sambhal Mosque Dispute: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन मामले में दायर याचिका खारिज कर दी है और याचिकाकर्ताओं को ट्रायल कोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है. योगी सरकार ने मस्जिद को अवैध बताया है और कहा है कि यह मस्जिद तालाब के लिए तय की गई सरकारी जमीन पर बना है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Oct 4, 2025 12:12
Sambhal Mosque | Allahabad High Court | UP
मस्जिद को अवैध करार देकर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जा रही है.

Sambhal Mosque Dispute: उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका खारिज करके इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका दिया है. साथ ही बेंच ने याचिकाकर्ताओं को ट्रायल कोर्ट में अपील करने का निर्देश भी दिया है. आज सुबह करीब 10 बजे याचिका पर सुनवाई हुई और जस्टिस दिनेश पाठक की बेंच ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया. मस्जिद कमेटी के वकील अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक त्रिपाठी हैं. वहीं चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे एन मौर्या और स्टैंडिंग काउंसिल आशीष मोहन श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रखा.

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सरकार और प्रशासन ने मस्जिद को बताया अवैध

बता दें कि संभल जिले से 30 किलोमीटर दूर असमोली क्षेत्र के राया बुजुर्ग गांव में गौसुलबरा मस्जिद बनी है, जिसे सरकार ने अवैध करार दिया है. सरकार का कहना है कि मस्जिद अवैध है और इसे तालाब के लिए तय की गई सरकारी जमीन पर बनाया गया है. इसलिए गत 2 अक्टूबर को DM और SP की मौजूदगी में बुलडोजर से मस्जिद के साइड में बना मैरिज हॉल ढहाया गया. फिर जब मस्जिद को ढहाने की बारी आई तो लोगों ने 4 दिन का समय मांगते हुए मस्जिद को खुद तोड़ने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोगों ने मस्जिद को ढहाना शुरू कर दिया, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी.

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2 अक्टूबर को ढहाया गया था मैरिज हाल

याचिका में मस्जिद और इसके आस-पास बने मैरिज हाल और अस्पताल ढहाने का आदेश सरकार ने पारित किया है, लेकिन इससे मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और दशहरे के दिन बुलडोजर से मैरिज हॉल को ढहा दिया गया, लेकिन मस्जिद को ढहाने की कार्रवाई के खिलाफ एक्शन होना चाहिए. जस्टिस के आदेश पर मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद के वैध होने से जुड़े डॉक्यूमेंट भी पेश किए गए थे, लेकिन याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस ने कहा कि मामले में अपील ट्रायल कोर्ट में दायर होनी चाहिए.

First published on: Oct 04, 2025 11:35 AM

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