Meerut Lok Sabha Election News: समाजवादी पार्टी में ये क्या हो रहा है? सुबह प्रत्याशी घोषित होते हैं…शाम होते-होते नाम चेहरे बदल जाते हैं। पहले मुरादाबाद की सीट पर इस तरह का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। इस सीट पर पहले एचटी हसन..फिर रुचि वीरा और फिर एचटी हसन का नाम सामने आया है। बाद में एचटी हसन ने ही मान लिया कि रुचि वीरा ही प्रत्याशी होंगी। अब पश्चिमी यूपी की मेरठ सीट पर भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। समाजवादी पार्टी ने अतुल प्रधान का टिकट काटकर अब सुनीता वर्मा को मैदान में उतार दिया है।
मेरठ में मुकाबला कड़ा है। बीजेपी ने यहां से टीवी के श्रीराम यानी अरुण गोविल को मैदान में उतारा है। पहले मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से सपा से भानु प्रताप सिंह का नाम सामने आया था। मगर सोमवार को मौजूदा विधायक अतुल प्रधान के नाम की घोषणा कर दी गई। लेकिन चंद दिनों में ही यह नाम भी कट गया। अब सपा ने बसपा से निष्कासित पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दे दी है।
INDIA गठबंधन में मेरठ की सीट सपा के पास है, लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अरुण गोविल की इस सीट से दावेदारी बहुत ही ज्यादा मजबूत हो गई है। टीवी पर श्रीराम की भूमिका निभाने के बाद अरुण गोविल की लोकप्रियता काफी ज्यादा थी और राम मंदिर की लहर से वह मजबूत ढंग से मैदान में उतरे हैं।
मेरठ की मेयर रही हैं सुनीता वर्मा
सुनीता वर्मा (Who is Sunita Verma) मेरठ की मेयर रह चुकी हैं। साल 2017 में वह बसपा से मेयर बनी थीं। उनके पति योगेश वर्मा बसपा की टिकट पर 2007 और 2012 में विधायक बन चुके हैं। 2019 में उन्हें बसपा से निकाल दिया गया था। बाद में वह सपा में आ गए। हालांकि 2022 के चुनावों में उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। एक समय था जब योगेश और सुनीता वर्मा की बसपा में तूती बोलती थी। मगर बाद में ये दोनों सपा में आ गए।
क्या बोले अतुल प्रधान
मेरठ विधानसभा सीट से विधायक अतुल प्रधान ने टिकट कटने के बाद बयान दिया कि वह सुनीता वर्मा का पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि वह उनके लिए प्रचार करेंगे और पार्टी अध्यक्ष ने जो फैसला लिया है, सोच समझकर ही लिया होगा। समर्थकों के बीच किसी भी तरह का कोई कन्फ्यूजन नहीं है। सभी एकजुट हैं।
2019 में बीजेपी को मिली थी कड़ी टक्कर
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने यहां से जीत दर्ज की थी। हालांकि उन्हें कड़ी टक्कर मिली थी। बसपा के प्रत्याशी हाजी याकूब कुरैशी को सपा का भी समर्थन था। हालांकि उन्हें 5000 वोटों के अंतर से हार मिली। मेरठ में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है।