अयोध्या में राम मंदिर (Ram mandir) निर्माण के साथ ही रामलला की मूर्ति निर्माण का काम भी तेज कर दिया है। राममंदिर में रामलला के दो विग्रह स्थापित किए करने की योजना है। एक विग्रह की स्थापना चल मूर्ति के रूप में तो दूसरे विग्रह की स्थापना अचल मूर्ति के रूप में होगी। रामलला चल मूर्ति के रूप में पूजित-प्रतिष्ठित होंगे वहीं अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। इस मूर्ति का निर्माण इसी माह यानी अक्टूबर में पूरा हो जाएगा।
राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि बालक होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसको लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय की गई है, ताकि तकनीकी रूप से रामलला का सूर्य रश्मियों से अभिषेक हो सके।
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मंदिर के प्रथम तल का अधिकतर काम पूरा
राममंदिर के प्रथम तक का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। 3500 मजदूर तीन शिफ्टों में राममंदिर में काम कर रहे हैं। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि स्ट्रक्चर की दृष्टि से प्रथम तल का निर्माण भी 70 फीसदी पूरा हो चुका है। 15 नवंबर तक प्रथम तल भी पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।