प्रयागराज के चर्चित राजू पाल हत्याकांड मामले में सजा पाए गए अतीक अहमद गैंग के तीन सदस्यों की जेल बदली गई है। ये तीनों पहले नैनी जिला जेल में बंद थे। प्रशासन के आदेश के बाद तीनों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। पूजा पाल द्वारा सीएम को पत्र लिखकर तीनों की जेल बदलने की मांग की गई थी।
जानकारी के अनुसार, विचाराधीन बंदी आबिद उर्फ अनवारुल हक, पुत्र बच्चा मुंशी को बागपत जेल भेजा गया है। जावेद उर्फ जाबिर, पुत्र बचऊ को अलीगढ़ जेल और गुलहसन, पुत्र मुख्तार को आगरा जेल में शिफ्ट किया गया है। 29 अप्रैल को तीनों बंदियों की जेल बदलने का आदेश दिया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें स्थानांतरित किया गया।
पूजा पाल ने लगाया था आरोप
बता दें कि चायल विधायक और राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन तीनों की जेल बदलने की मांग की थी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि राजू पाल हत्याकांड के तीन खूंखार आरोपी 2024 में हाईकोर्ट से सजा मिलने के बाद नैनी केंद्रीय कारागार में बंद हैं। वहां से भी वे अतीक गैंग का संचालन कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया था कि ये आरोपी गैंग के अन्य सदस्यों से साठगांठ कर अवैध प्लॉटिंग और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। साथ ही, उन्होंने इनसे अपनी जान को खतरा बताया और इन्हें बरेली जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी।
क्या है राजू पाल हत्याकांड?
25 जनवरी 2005 को दोपहर लगभग तीन बजे, हाल ही में विधायक चुने गए राजू पाल अपने घर लौट रहे थे। गाड़ी वे खुद चला रहे थे, तभी दो गाड़ियों ने उन्हें रास्ते में घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। राजू पाल जान बचाने के लिए गाड़ी से उतरकर भागे, लेकिन हमलावरों ने उनका पीछा करते हुए उन पर गोलियां बरसाईं। अस्पताल ले जाते समय करीब 5 किलोमीटर तक फायरिंग होती रही। अस्पताल पहुंचने से पहले ही राजू पाल की मौत हो गई।
घटना के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।