Jammu Kashmir Encounter: जम्मू कश्मीर में सेना और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ में यूपी का एक जवान शहीद हो गया। सुभाष चंद्र 7-जाट रेजिमेंट में तैनात थे, वे मूल रूप से हाथरस जिले के रहने वाले थे। सोमवार देर रात करीब ढाई बजे राजौरी में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में देश के काम आए। मंगलवार को प्रशासन ने सहपऊ कोतवाली इलाके के गांव नगला मनी में घर जाकर उनके पिता को बेटे की बहादुरी से अवगत करवाया। पिता रोने लगे। बोले कि दुख है, लेकिन गर्व है कि बेटा देश के लिए बलिदान दिया। राजौरी में अदम्य साहस दिखाने वाले सुभाष की शादी चार साल पहले हुई थी। डेढ़ साल की बेटी के सिर से पिता का साया उठ चुका है। घर में माता-पिता और पत्नी को पता लग चुका है कि वे अब तिरंगे में लिपटकर ही लौटेंगे। उनका पार्थिव शरीर कल गांव में लाया जाएगा।
मथुरा प्रसाद के बहादुर बेटे सुभाष ने 2016 में सेना ज्वाइन की थी। उनका बचपन का सपना सेना में जाने का था। वे राजौरी में पोस्टेड थे। दादी का देहांत इसी 30 मई को हुआ था। जिसके बाद वे एक महीने की छुट्टी लेकर आए थे। 15 दिन पहले घर से ड्यूटी पर गए थे। सुभाष के बड़े भाई बलदेव के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
Lance Naik Subhash Chander of Jat Regiment made supreme sacrifice for the nation in Battal sector of Jammu & Kashmir. The brave soldier foiled a major infiltration bid by Pakistani terrorists at 3am and prevented a major terror attack on Indian soil. Salute the braveheart! 🇮🇳 pic.twitter.com/fLpnykSnij
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बलदेव ने कहा कि मेरा भाई बचपन से ही शेर था। जिन्होंने निडर योद्धा की तरह देश के लिए बलिदान दिया। पत्नी कांति देवी की भी रो-रोकर हालत खराब है। बेटी डेढ़ साल की रितिका को नहीं पता कि क्या हो रहा है? अपनी पोती को गोद में लिए मथुरा प्रसाद भावुक होकर बोले कि जब से शहादत की खबर मिली है, कांति ऊपर के कमरे में गुमसुम बैठी है। न किसी से बात कर रही है, सिर्फ आंसू बहा रही है। मां पुष्पा देवी की चीखें कलेजा चीर देने वाली हैं।
15 दिन पहले बेटा हंसी-खुशी गया था घर से
मां ने बताया कि बेटे को हंसी खुशी घर से विदा किया था। अब कैसे मैं उसका चेहरा देख पाऊंगी? सुभाष के चचेरे भाई अनिल के अनुसार नायब तहसीलदार भाई की शहादत की खबर लेकर घर पहुंचे थे। सुभाष बंकर पर तैनात थे, अचानक आतंकियों ने ग्रेनेड अटैक कर दिया। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने सुभाष के गले पर ग्रेनेड फटा, जिसके कारण वे गंभीर रूप से घायल हो गए। अनिल के अनुसार सुभाष काफी मिलनसार थे। हर किसी के साथ उनका व्यवहार ठीक था। गांव में उनके दोस्तों में शोक की लहर है। भाई की शहादत पर गर्व है। सीओ सादाबाद हिमांशु माथुर ने बताया कि सुभाष के परिवार को जानकारी दी गई है। कल उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। जिसके बाद सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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