Maha Kumbh 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) महाकुंभ 2025 के आयोजन के बीच जनता के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है। हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक समागम के बीच जो वोटबैंक बीजेपी से छिटकता जा रहा है, उसे दोबारा साथ जोड़ने की कवायद आरएसएस ने शुरू की है। आरएसएस इसी वर्ष अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। आरएसएस दलित और ओबीसी समुदायों को रिझाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। आरएसएस महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लगातार गंगा के तट पर कार्यक्रमों का आयोजन करवा रहा है। प्रयागराज में नदी के तट पर स्वयंसेवकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। आरएसएस प्लास्टिक की थैलियों को तट से हटाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहा है।
आरएसएस ने शुरू किया अपना कार्यक्रम
महाकुंभ के बीच ही RSS ने अपना कार्यक्रम ‘ज्ञान महाकुंभ’ भी शुरू किया है, जिसमें हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। लोगों को सनातन शिक्षा, हिंदू धर्म के इतिहास के बारे में बताया जा रहा है। ये कार्यक्रम 10 जनवरी से शुरू हुआ है, जो 10 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद लोगों से मिले सुझावों को लेकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर-8 में किया जा रहा है, जिसमें कई छात्र संगठन भाग ले रहे हैं। RSS हिंदू धर्म के वंचित वर्गों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि भगवा संगठन महाकुंभ में ओबीसी समुदाय से जुड़े 8 हजार छात्रों को लाएगा।
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RSS की शिक्षा शाखा विद्या भारती के अनुसार संस्कार केंद्र में विद्यार्थियों को हिंदू धर्म के मूल्यों और परंपराओं से अवगत करवाया जाएगा, ताकि उनको धर्मांतरण के लिए मजबूर न किया जा सके। गुरुवार को अवध क्षेत्र के 14 जिलों के 2100 बच्चों को उनके माता-पिता के साथ कुंभ में लाया गया है। इन विद्यार्थियों को 24 से 26 जनवरी के बीच पवित्र स्नान करवाया जाएगा। इसके बाद काशी और कानपुर से विद्यार्थी यहां पहुंचेंगे।
सभी बच्चों को विभिन्न आश्रमों, अखाड़ों और संगम घाटों के दौरे भी करवाए जाएंगे। इन लोगों के ठहराव के लिए RSS ने सेक्टर-9 में पंडाल लगाया है। RSS की ओर से विभिन्न घाटों पर 1800 स्वयंसेवकों की ‘गंगा सेवा दूत’ के तौर पर ड्यूटी लगाई गई है। कुछ को शौचालयों, टेंटों और सड़कों की निगरानी का काम भी दिया गया है। ये श्रद्धालुओं से प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील भी कर रहे हैं। दुकानदारों को कपड़े के थैले से बने बैग्स दिए जा रहे हैं। RSS की योजना 21 लाख बैग्स और प्लेंटे देने की है। बीजेपी के साथ निषादों (मछुआरों) को जोड़ने को लेकर आरएसएस ने प्लान तैयार किया है।
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हाल ही में बीजेपी के साथ अपना दल (सोने लाल) की नाराजगी की बातें सामने आई थीं, जिसके बाद लगातार बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इस समुदाय को साधने के लिए काम कर रही है। कुछ पोस्टर भी जारी किए गए थे, जिसमें मुख्यमंत्री महाकुंभ 2025 को सामाजिक समरसता का पर्व बताते दिखे थे। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार ने श्रृंगवेरपुर में भगवान राम के साथ निषाद राज की प्रतिमा को स्थापित करके उन्हें सम्मान दिया है।
📌 MESMERIZING VIEW
Preparations for Mahakumbh are underway in full fledge 🎯
Prayagraj will host Maha Kumbh Mela 2025 from 13th Jan to 26th feb 2025 🔥
Prayagraj to witness 40-50 cr devotees visiting to take a Holy Dip in the Triveni Sangam 💖 pic.twitter.com/5rAWTHcLV2
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) December 22, 2024
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली थीं 33 सीटें
भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की केवल 33 सीटें जीती थीं, जबकि 2019 में पार्टी को 61 सीटें मिली थीं। राजनीतिक विश्लेषक पार्टी की हार के पीछे ओबीसी समुदाय का छिटकना कारण मानते हैं, जो समाजवादी पार्टी के साथ चला गया था। अब बीजेपी की रणनीति ओबीसी समुदाय को वापस हासिल करने की है। पीएम मोदी भी प्रयागराज को ‘निषाद राज की भूमि’ और महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ बता चुके हैं। कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा के अनुसार महाकुंभ सनातन का प्रतीक है, लेकिन कुछ पार्टियां इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं, जो गलत है।