15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल के गेट पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई। यह वारदात कैमरों के सामने, लाइव टीवी पर हुई थी, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया। आज इस घटना को दो साल हो चुके हैं। सवाल उठता है कि अब अतीक और अशरफ का परिवार कहां है? और जिन तीन लोगों ने हत्या की, उनके साथ अब तक क्या हुआ?
बेटा जेल में, पत्नियां फरार
दो सालों में अतीक और अशरफ का परिवार पूरी तरह बिखर चुका है। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है। उसे उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया था। इसी घटना के बाद अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई थी। यूपी पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर इनाम घोषित किया हुआ है।
अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा भी फरार है। अतीक के पांच बेटों में से एक, असद, उमेश पाल मर्डर केस में एनकाउंटर में मारा गया। सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में है, जबकि छोटा बेटा अली अहमद प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। दो छोटे बेटे पहले बाल सुधार गृह में थे और बालिग होने के बाद अब किसी रिश्तेदार के पास रह रहे हैं। अशरफ के दो छोटे बच्चे एक बेटा और एक बेटी हैं, लेकिन वे कहां हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
‘मिट्टी में मिला दिए गए हैं, अब घसीटे जा रहे हैं’
उमेश पाल हत्याकांड के बाद योगी सरकार पर कई सवाल उठे थे। उस वक्त विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि “हम माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे।” जब अतीक अहमद को गुजरात की जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था, तब मीडिया से बातचीत में उसने कहा था, “हमें मिट्टी में मिला दिया गया है, अब घसीटा जा रहा है। मैं जेल में था, उमेश पाल हत्याकांड से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।”
ध्वस्त हुआ अतीक का साम्राज्य
सरकार ने अतीक अहमद की हजारों करोड़ की संपत्तियों पर एक के बाद एक कार्रवाई की है। कई मकानों पर बुलडोजर चल चुका है। उसका पुराना घर कसारी-मसारी भी ध्वस्त कर दिया गया है। चकिया स्थित कार्यालय के अवैध निर्माण को भी गिरा दिया गया। उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर अब भी फरार हैं। शाइस्ता परवीन और उसकी बहन जैनब फातिमा पर लुकआउट नोटिस और इनाम घोषित किया गया है।
अतीक-अशरफ के हत्यारे अब भी जेल में, सुनवाई अधूरी
हत्या करने वाले तीनों आरोपी लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिए गए थे। वे फिलहाल जेल में हैं। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी मामले में एक भी गवाही पूरी नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि आरोपियों के पास वकील नहीं होने के कारण अदालत ने सरकारी खर्च पर वकील नियुक्त किया। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। अगली सुनवाई 21 अप्रैल 2025 को होनी है।