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Greater Noida News: महिला अफसर पर सियासत कब तक? जानें नोएडा की DM ने क्या किया

Greater Noida News: गौतमबुद्धनगर की डीएम मेधा रूपम ने अपना एक्स अकाउंट टेंपरेरी रूप से डिक्टिव कर दिया है। ऐसे में फिर से यह सवाल चर्चा में है कि क्या महिला अधिकारी होना ही सियासी निशानों का कारण बन गया है? गौतमबुद्धनगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और राजनीतिक हमलों का केंद्र बन गई है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Aug 21, 2025 18:29

Greater Noida News: गौतमबुद्धनगर की डीएम मेधा रूपम ने अपना एक्स अकाउंट टेंपरेरी रूप से डिक्टिव कर दिया है। ऐसे में फिर से यह सवाल चर्चा में है कि क्या महिला अधिकारी होना ही सियासी निशानों का कारण बन गया है? गौतमबुद्धनगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और राजनीतिक हमलों का केंद्र बन गई है। ट्रोल्स और राजनीतिक विरोधियों ने उनके परिवार की तस्वीरों को सार्वजनिक कर निजी जीवन को भी सियासी बहस का मुद्दा बना दिया है। इन सबके बीच डीएम ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली है।

विपक्ष लगातार उठा रहा सवाल
विपक्ष लगातार मेधा रूपम के पिता के पुराने राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठा रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने सारी सीमाएं लांघते हुए उनके पारिवारिक फोटो तक वायरल कर दिए। इस मानसिक दबाव का असर इतना हुआ कि डीएम मेधा रूपम को अपना एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट अस्थाई रूप से निष्क्रिय करना पड़ा।

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कौन है मेधा रूपम के पिता?
डीएम मेधा रूपम के पिता ज्ञानेश कुमार वर्तमान में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त है। वह देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे है। ज्ञानेश कुमार 1988 बैच केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस है। इसी वर्ष फरवरी में वह मुख्य चुनाव आयुक्त बने है।

राजनीतिक लाभ के लिए निजी हमले
वर्तमान दौर में जब सोशल मीडिया एक प्रभावशाली माध्यम बन गया है तब यह भी देखा जा रहा है कि किसी अधिकारी के खिलाफ असहमति को ट्रोलिंग के निचले स्तर तक ले जाया जा रहा है। ऐसे में लगातार सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग के बीच अब डीएम ने दूरी बना ली है।

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जरूरत है जवाबदेही की, न कि निजी हमलों की
इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह कहते है कि लोकतंत्र में सवाल पूछना जरूरी है, लेकिन सवाल तर्कसंगत और गरिमा पूर्ण होने चाहिए। महिला अधिकारियों को भी समान सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। निजी हमलों से बचना चाहिए। जरूरत है हर सवाल का जवाब दें और अपनी बात को सही मंच पर रखे।

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First published on: Aug 21, 2025 06:08 PM

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