Rampur: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) जिले में जिला प्रशासन की ओर से जौहर ट्रस्ट (Jauhar Trust) के स्कूल पर की गई कार्रवाई के बाद आजम खान (Azam Khan) की पत्नी तन्जेम फातिमा (Tanzeem Fatima) की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि हमने मामले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई में फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा।
प्रशासन की कार्रवाई स्वीकार नहींः तन्जेम
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की पत्नी तन्जेम फातिमा ने बताया कि जौहर ट्रस्ट के आरपीएस स्कूल को सील करने के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है। छात्र अपनी दस्तावेजों के लिए बैठे हैं। इस स्कूल को आजम खान ने कब्जा नहीं किया गया था, बल्कि यह कैबिनेट के फैसले के बाद ही पट्टे पर दिया गया था।
Rampur, UP | Action taken by police & administration to seal RPS school is not acceptable. Students are sitting for their papers. This school was not captured by Azam Khan, it was given on lease only after the cabinet's decision: SP leader Azam Khan's wife Tanzeem Fatima (15.03) pic.twitter.com/Es7z8yxg61
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 15, 2023
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न्यायपालिका पर भरोसा रखें अभिभावक
फातिमा ने कहा कि इस संबंध में कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। उम्मीद की जा रही है कि अदालत का फैसला आरपीएस स्कूल के पक्ष में आएगा। माता-पिता और बच्चों को धैर्य रखने की जरूरत है। देश की न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए। बता दें कि रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के जौहर ट्रस्ट के स्वामित्व वाले आरपीएस स्कूल को जिला प्रशासन द्वारा सील किया गया है।
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जिला प्रशासन ने दिया था ये बयान
स्कूल पर की गई कार्रवाई को लेकर रामपुर के एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने बताया कि विभाग ने जौहर ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे स्कूल की लीज रद्द करने के बाद 15 दिन में स्कूल खाली करने का नोटिस भेजा था। दो नोटिस मिलने के बाद भी स्कूल को खाली नहीं कराया गया, जिसके लिए इसे सील कर दिया गया है।
18 मार्च तक हैं बच्चों की परीक्षाएंः स्कूल प्रिंसिपल
वहीं स्कूल की प्रिंसिपल हिना मुजद्दिह ने बताया था कि इस सीलिंग के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल प्रिंसिपल ने चिंता जताई है कि बच्चों की परिक्षाएं अब कहां होंगी।
उन्होंने राज्य के अल्पसंख्यक विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हमें 15 दिन का समय दिया गया था, जो अभी खत्म नहीं हुआ है। विभाग को इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें 6 मार्च को नोटिस मिला था और 18 मार्च तक छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं।