पहलगाम आतंकी हमले में मरने वाले दो लोगों की काफी चर्चा हुई, जिसमें पहला नाम नेवी ऑफिसर विनय नरवाल का था, तो दूसरा नाम कानपुर के बिजनेसमैन शुभम द्विवेदी का था। इन दोनों की हाल ही में शादी हुई थी। हाल ही में शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने उनके लिए ‘शहीद’ का दर्जा देने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशान्या ने सरकार से अपील की है कि कहा कि अगर सरकार मेरी इच्छा स्वीकार कर ले तो मेरे पास जीने का एक कारण होगा।
‘गर्व से दिया जीवन का बलिदान’
शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने सरकार से अपने पति के लिए शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘शुभम ने खुद को हिंदू बताकर गर्व के साथ अपने जीवन का बलिदान दिया और कई लोगों की जान बचाई है।’ आशान्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘पहली गोली मेरे पति को लगी और आतंकवादियों ने यह पूछने में समय लगाया कि हम हिंदू हैं या मुसलमान। इस स्थिति में कई लोगों को भागने और अपनी जान बचाने का मौका मिल गया।’ आशान्या का कहना है कि ‘अगर सरकार मेरी इच्छा स्वीकार कर ले, तो मेरे पास जीने का एक कारण होगा।’
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हमले से पहले क्या हुआ?
आशान्या ने हमले से कुछ देर पहले क्या हुआ, इसके बाद बारे में बात की। उन्होंने बताया कि ‘जैसे ही वे (आतंकवादी) आए, उनमें से एक ने पूछा कि क्या हम हिंदू हैं या मुसलमान? मुझे लगा कि ये शरारत कर रहे हैं। मैं पीछे मुड़ी, हंसी और उनसे पूछा कि क्या हो रहा है? फिर उन्होंने अपना सवाल दोहराया, इसके बाद जैसे ही मैंने जवाब दिया कि हम हिंदू हैं, एक गोली चली और शुभम का चेहरा खून से लथपथ था। मैं समझ नहीं पाई कि क्या हुआ था।’
आपको बता दें कि कानपुर के 31 साल के बिजनेसमैन शुभम की 12 फरवरी को आशान्या से शादी हुई थी। वह हमले में मरने वाले उन 26 लोगों में शामिल थे। गुरुवार को उनके पैतृक गांव में शुभम का अंतिम संस्कार किया गया।
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