Greater Noida News: यमुना नदी के जलस्तर में बीते 48 घंटों में 0.80 मीटर की कमी दर्ज की गई है। नदी किनारे बसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति में सुधार आया है। खेतों और अवैध फार्म हाउसों से पानी निकलने के बाद पुश्ता पर अस्थाई रूप से डेरा जमाए लोगों ने घर लौटना शुरू कर दिया है। प्रशासनिक अमले ने भी अस्थायी राहत की सांस ली है, हालांकि अभी भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
पिछले सप्ताह गंभीर थी स्थिति
हाल ही में उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई भारी बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोलने पड़े थे। दिल्ली और एनसीआर में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। दिल्ली में जलस्तर बढ़ने के बाद ओखला बैराज के भी गेट खोले गए, जिसका सीधा असर गौतमबुद्ध नगर जिले में पड़ा।
खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था जलस्तर
19 अगस्त को सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 198.75 मीटर तक पहुंच गया था, जबकि खतरे का निशान 200.60 मीटर है। जलस्तर में इस बढ़ोत्तरी ने नोएडा से लेकर जेवर तक के निचले इलाकों को प्रभावित किया। रात के समय पुश्ता और आसपास के गांवों में 5 फीट तक पानी भर गया। हजारों बीघा फसल डूब गई और अवैध फार्म हाउसों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।
प्रशासन ने की राहत की व्यवस्था
प्रभावित लोगों को पुश्ता पर टेंट लगाकर अस्थायी रूप से ठहराया गया, जहां प्रशासन द्वारा भोजन और पानी की व्यवस्था की गई। राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीमों को सक्रिय किया गया था।
अभी भी अलर्ट पर टीम
बृहस्पतिवार सुबह जलस्तर घटकर 197.95 मीटर तक पहुंच गया, जिससे पुश्ता और खेतों से पानी निकल गया है। प्रभावित लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटने लगे है। प्रशासन की ओर से बताया गया है कि फिलहाल जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी की कोई सूचना नहीं है, लेकिन सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने का निर्देश जारी है।
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