Uttar Pradesh Greater Noida News (जुनेद अख्तर) : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लगातार काम किया जा रहा है। इसके बाद भी काम पूरा नहीं हो रहा है। अधिकारी एयरपोर्ट के शुरू होने की नई डेट तय करने में लगे हैं। इस बीच एयरपोर्ट के निर्माण में लगी कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। काम में देरी होने के चलते यह नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों से पता चला है कि एयरपोर्ट सही समय पर शुरू न होने पर मुख्यमंत्री योगी भी अधिकारियों से नाराज हैं। सोमवार को लखनऊ में एयरपोर्ट की समीक्षा बैठक में सीएम ने कई अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 9000 कर्मचारी लगे हुए हैं। रात-दिन काम किया जा रहा है। इसके बाद भी काम कछुआ गति से चल रहा है। कहा जा रहा है कि काम पूरा होने में दो से तीन महीने का समय और लग सकता है।
29 सितंबर 2024 के बाद से बदलती रही डेट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का काम 29 सितंबर 2024 तक पूरा होना था। काम में देरी के चलते एयरपोर्ट शुरू नहीं हो पाया और अप्रैल 2025 नई डेट रख दी गई। इसके बाद अप्रैल 2025 तक भी काम पूरा नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट टर्मिनल का अभी काफी काम बाकी है। जिसके चलते बार-बार डेट आगे बढ़ रही है। स्विजरलैंड स्थित ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की सहायक कंपनी, एनआईए कंसेस्नरी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ( YIAPL) के मुताबिक एयरपोर्ट का काम एडवांस स्टेज पर है। वर्तमान निर्माण स्थिति को देखते हुए, मई 2025 के अंत तक एयरपोर्ट का कॉमर्शियल संचालन शुरू हो पाएगा। साथ ही अगले कुछ सप्ताह निर्माण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। यहां बनाए जा रहे रनवे, यात्री टर्मिनल और कंट्रोल टावर एडवांस तकनीक पर है।
टेक ऑफ और लैंडिंग के उपकरण हो रहे इन्सटॉल
बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट साइट पर करीब 9000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके बाद भी एयरपोर्ट के काम को पूरा होने में समय लग रहा है। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक, टर्मिनल का फ्रंट और छत वेदर प्रूफिंग बनाया जाना है। लेकिन स्टील की खरीद में देरी होने के कारण इसकी प्रगति कम है। इसके अलावा रनवे और एटीसी टॉवर सहित अन्य कार्य विभिन्न चरणों में हैं। एटीसी टावर पर शीशे का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि रनवे पर डामर की अंतिम परतें बिछाई जा रही हैं। नेविगेशन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा ग्लाइड पाथ और लोकलाइज़र जैसे महत्वपूर्ण नेविगेशन और टेक ऑफ और लैंडिंग संबंधित उपकरण इन्स्टॉल कर रहे है।
पहले फेज की कुल लागत 10,056 करोड़ रुपए
पहले फेज-1 की कुल अनुमानित विकास की लागत 10,056 करोड़ रुपए है। जिसमें जेवर में 1,334 हेक्टेयर साइट क्षेत्र शामिल है। कुल लागत में से, राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर 4,328.05 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अब तक 7,798.35 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। एयरपोर्ट के निर्माण में देरी होने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) अब जुर्माना लगाने की तैयारी कर रही है। ये कंपनी एयरपोर्ट की देखरेख करती है। हालांकि कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार, कुछ शर्तों के तहत 91 दिनों की छूट दी जा चुकी है। अब रोजाना 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। नेल के अधिकारियों ने कहा कि निर्माण कंपनी को नोटिस जारी किया जा रहा है।
एयरपोर्ट पर बनाया जा रहा रनवे
पहले फेज में 12 मिलियन मुसाफिर फायदा उठाएंगे। इस फेज में एयरपोर्ट पर एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। इसकी क्षमता करीब 12 करोड़ मुसाफिर की होगी। परियोजना को चार फेज में विकसित करने की तैयारी है। अंततः दो रनवे और दो टर्मिनल भवनों तक निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण तक सालाना 70 करोड़ मुसाफिर इसका प्रयोग कर सकेंगे। परियोजना की कुल लागत 29,561 करोड़ रुपए अनुमानित है।