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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

फर्जी मुठभेड़: नोएडा में 12 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुई FIR, आंखों पर पट्टी बांधकर मारी थी गोली

Uttar Pradesh Noida News: ग्रेटर नोएडा में फर्जी मुठभेड़ के आरोप में 12 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने एक युवक को हत्या के मामले में उठाया था। इसके बाद फर्जी मुठभेड़ में पैर में गोली मारकर उसकी गिरफ्तारी दिखाई थी।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 8, 2025 23:05
Police
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Uttar Pradesh Noida News (जुनेद अख्तर): ग्रेटर नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। फर्जी मुठभेड़ के आरोप में पूर्व SHO समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश पर थाना जेवर में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए कई पुलिसकर्मी अभी भी जिले में तैनात हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है

चार सितंबर 2022 का है मामला

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बताया जा रहा है कि फरवरी में गौतमबुद्ध नगर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जेवर के पूर्व SHO समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ फर्जी मुठभेड़ के आरोप का मुकदमा दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया था। मथुरा के तरुण गौतम की अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया था। मुकदमा दर्ज करने से पहले थानाध्यक्ष को पुलिस कमिश्नर से अनुमति प्राप्त करने को कहा गया था। सीपी के आदेश के बाद अब एफआईआर की गई है। तरुण गौतम ने एक प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि चार सितंबर 2022 को देर शाम पुलिसकर्मी बिना किसी वारंट के उनके घर में घुसे, गाली-गलौज की, सामान तोड़फोड़ किया और अलमारी से 22 हजार रुपये जब्त कर लिए।

फर्जी मुठभेड़ में युवक को मारी गोली

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पुलिस ने कहा कि उनके बेटे का जेवर कोतवाली क्षेत्र के नीमका गांव में हुए हत्या के एक मामले में नाम सामने आया है। इस पर पीड़ित ने बताया का उनका बेटा बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और दिल्ली में कोचिंग करता है। पुलिसकर्मी बेटे सोमेश गौतम की तलाश में उन्हें दिल्ली लेकर गए, जहां उनके बेटे को बुरी तरह पीटा और जबरन जेवर थाने लाया गया। पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे को अज्ञात स्थान पर ले जाकर आंखों पर पट्टी बांधकर पैर में गोली मारी और फर्जी मुठभेड़ का रूप दिया। इसके बाद उसके खिलाफ कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया।

पुलिस कमिश्नर की अनुमति के बाद केस दर्ज

पीड़ित का कहना है कि कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक हारकर पीड़ित को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जिसके बाद कोर्ट ने फरवरी में मुकदमा दर्ज करने से पहले थानाध्यक्ष को पुलिस कमिश्नर से अनुमति प्राप्त करने को कहा गया था। जिसके बाद अब इस मामले केस दर्ज किया गया है।

 



First published on: Apr 08, 2025 11:05 PM

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