Uttar Pradesh Noida News (जुनेद अख्तर) : नोएडा अथॉरिटी ने उद्योग मार्ग के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया था। इसे मॉडल रोड बनाने की तैयारी थी, लेकिन अधिक खर्च आने के कारण अथॉरिटी ने योजना को बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब अथॉरिटी सिर्फ सड़क की मरम्मत और फुटपाथ को ठीक कराएगी। इसके लिए अलग से टेंडर जारी किया जाएगा। अथॉरिटी के मुताबिक, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
चार महीने पहले प्रक्रिया हुई थी शुरू
सेक्टर-1 गोलचक्कर से सेक्टर-11 झुंडपुरा तिराहे तक उद्योग मार्ग है। सेक्टर-6 स्थित नोएडा अथॉरिटी के मुख्य दफ्तर के लिए अधिकारी हों या आम लोग उद्योग मार्ग के जरिए आते-जाते हैं। ऐसे में करीब एक साल पहले इस रास्ते को मॉडल रोड बनाने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए सलाहकार से रिपोर्ट तैयार कराकर डिजाइन तैयार करने के बाद टेंडर जारी किया गया। योजना पर करीब 49 करोड़ रुपए का खर्च आना तय हुआ। दो बार टेंडर जारी करने के बाद किसी एजेंसी का चयन नहीं हो सका। इसके बाद तीसरी बार जारी किए गए टेंडर में एजेंसी का चयन लगभग कर लिया गया। यह प्रक्रिया करीब चार महीने पहले हुई थी। इस बीच योजना में अटकाव आ गया।
सहमति नहीं बनने पर हुआ काम बंद
बताया जा रहा है कि अथॉरिटी के अधिकारियों को लगा कि उद्योग मार्ग को संवारने में अनावश्यक धन खर्च किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित एजेंसी से बजट कम कर 40 करोड़ रुपए के आसपास करने को कहा, लेकिन सहमति नहीं बनी। ऐसे में अब नोएडा अथॉरिटी ने इस योजना को रद्द करने का फैसला लिया है। इस बारे में नोएडा अथॉरिटी सीईओ डॉ. लोकेश एम का कहना है कि अब सिर्फ सड़क को नए तरीके से बनाकर फुटपाथ ठीक किए जाएंगे। इसको मॉडल रोड नहीं बनाया जाएगा।
15 से 20 लाख रुपए हो चुके थे खर्च
सूत्रों से पता चला है कि नोएडा अथॉरिटी ने उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने की योजना तैयार करने, सर्वेक्षण कराने और डिजाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर 15 से 20 लाख रुपए का खर्च किया। अब इस योजना को रद्द कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि जब योजना मूर्त रूप देने लायक नहीं थी तो इस पर सरकारी धन क्यों खर्च किया गया। फिलहाल अथॉरिटी के अधिकारियों के पास इस सवाल का जवाब नहीं है।
सीबीआई ने मंजूरी दे दी थी
नोएडा अथॉरिटी ने उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने के लिए सीबीआई से भी मंजूरी ले ली थी। सीबीआई ने एक संबंधित स्थान पर कोई दिक्कत नहीं आने की शर्त लगाते हुए निर्माण करने की अनुमति दे दी थी। अनुमति इसलिए ली गई, क्योंकि नोएडा अथॉरिटी के इंजीनियर इन चीफ रहे यादव सिंह के कार्यकाल में उद्योग मार्ग पर केबल डालने का घोटाला हुआ था, जिसकी सीबीआई जांच चल रही है। मॉडल रोड परियोजना के तहत दोनों तरफ नए सिरे से फुटपाथ बनाए जाने थे। सड़क चौड़ी करने के साथ डिवाइडर बनाया जाना था। बिजली के तार भूमिगत करने के अलावा आकर्षक लाइटें लगाई जानी थीं।