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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

नोएडा के जंगल ट्रेल में एडवेंचर, जिप लाइन, रॉक क्लाइंबिंग के साथ मिलेगा नाइट सफारी का मजा

Noida News: शहर के सेक्टर-44 में महामाया फ्लाईओवर और ओखला पक्षी विहार के बीच में जंगल ट्रेल बनाया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण के इस जंगल में लोग नाइट सफारी का भी मजा ले सकेंगे। प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू की दी है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jun 30, 2025 21:24
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नोएडा के जंगल ट्रेल में मिलेगा ये मजा

Noida News: शहर के लोगों को ओखला पक्षी विहार के बाद एक और जंगल में घूमने का मौका मिलेगा। प्राधिकरण द्वारा इस जंगल का निर्माण सेक्टर-44 में महामाया फ्लाईओवर और ओखला पक्षी विहार के बीच में खाली जगह पर कराया जा रहा है। इस जंगल ट्रेल में एडवेंचर भी किया जा सकेगा। लोग यहां जिप लाइन, रॉक क्लाइंबिंग के साथ नाइट सफारी का भी मजा ले सकेंगे।

नोएडा प्राधिकरण से वसूलेगा चार्ज

जंगल ट्रेल में प्रवेश करने के लिए टिकट लगेगा। नोएडा प्राधिकरण इसके लिए 100 रुपये एंट्री फीस रखी है। इसके अलावा जंगल के अंदर जिप लाइन, रॉक क्लाइंबिंग और नाइट सफारी के लिए भी टिकट खरीदना होगा। प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने लोगों की भीड़ को देखते हुए महामाया फ्लाइओवर के पास 500 वाहनों की पार्किंग भी तैयार की है। जंगल ट्रेल आने वाले लोग गाड़ी करने के लिए इस पार्किंग का उपयोग कर सकेंगे।

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जंगली जानवरों के बारे में जान सकेंगे बच्चे

एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि जंगल ट्रेल के बच्चे जंगली जानवरों के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा अलग-अलग गेम्स के भी मजे ले सकेंगे। बारिश के दौरान इस जंगल में बहुत मजा आएगा। कुछ ही दिनों में इसका का पूरा कर जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां कबाड़ से जानवरों को बनाया जा रहा है। इन पर ऐसा कलर किया गया है , जिसे पहली नजर में देखने पर आपको जानवर जिंदा लगेगा। कुछ देर बाद आपको महसूस होगा कि अरे ये तो नकली है।

ये जानवर देखने को मिलेंगे

एसीईओ ने बताया कि जून 2024 में पीपीपी मॉडल पर पार्क का निर्माण शुरू हुआ था। प्राधिकरण यह पार्क करीब 18.27 एकड़ में बना रहा है। पार्क के अंदर कबाड़ से बने डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, अजगर, बंदर की आकृतियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही छोटी आकृतियों में सुंदर-सुंदर चिडिय़ां भी कबाड़ से बनी हुई होंगी। पार्क में आने वाले लोग जंगल में सैर का लुत्फ भी उठा सकेंगे।

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एंपीथियेटर और फूड कोर्ट भी हो रहाद विकसित

पहला जोन-ए 4.05 एकड़ का है। इसमें पार्किंग, एंपीथियेटर (1000 लोगों की क्षमता का ), फूड कोर्ट और ऐग्जीबिशन एरिया है। यहां 8 बसों और 76 कारों की पार्किंग होगी। जोन-बी 8.77 एकड़ का बनाया जा रहा है। इसमें ट्रोपिकल रेन फारेस्ट , ग्रास लैंड, वेट लैंड को बनाया जा रहा है। तीसरा जोन-सी 5.45 एकड़ का है। इसमें आईस लैंड ओशियन, ट्रेमप्रेट फारेस्ट और पोलर रीजन होगा।

पार्क में खर्च किए जा रहे 15 करोड़ रुपये

पार्क में 500 टन लोहे से पार्क में स्कल्पचर बनाए जा रहे है। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग भी किया जा रहा है। इस पार्क को बनाने में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इसमें हाथी, पैंगुविन, शेर, जिराफ़, बर्ल्डस, बत्तख, फ्लेमिंगो, बरटफ्लाई, जंगली भैसः, डाइनासौर, गैंडा, मोर, भालू, क्वाला, पांडा आदि को बनाए गए है।

First published on: Jun 30, 2025 09:24 PM

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