Noida International Airport: जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का धीमी गति से चल रहा है। इसी कारण अब जून में भी डोमेस्टिक फ्लाइट सेवा शुरू नहीं हो पाएगी। इस बीच मानसून भी दस्तक देगा। जिसके चलते एयरपोर्ट का काम जुलाई माह तक पूरा होने की उम्मीद है। सूत्रों से पता चला है कि अब अगस्त या सितंबर में घरेलू उड़ानें शुरू हो सकेंगी। इसके बाद इंटरनेशनल सेवा शुरू हो सकती है। वहीं नोएडा एयरपोर्ट को मई के अंतिम सप्ताह तक एयरोड्रोम लाइसेंस मिलने की संभावना है।
मई में एयरोड्म लाइसेंस मिलने की संभावना
नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग के अधूरे काम की वजह से अब इसके संचालन की तिथि को लेकर कार्यदायी संस्था से लेकर शासन तक में संशय है। डोमेस्टिक उड़ान के लिए टर्मिनल बिल्डिंग तैयार करने का लक्ष्य 15 मई का है। काम को देखते हुए इस को पूरा होने में 20 दिन और लगेंगे। जिसके चलते टर्मिनल बिल्डिंग जून के पहले सप्ताह तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद इंटरनेशनल उड़ान के लिए टर्मिनल बिल्डिंग का काम 15 से 25 जून तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में एयरपोर्ट का व्यावसायिक संचालन डोमेस्टिक और इंटरनेशनल सेवाओं के साथ होगा तो इसकी तिथि जुलाई से सितंबर के बीच हो सकती है। हालांकि इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि मई में एयरोड्म लाइसेंस मिलने और डोमेस्टिक उड़ान वाले टर्मिनल का काम पूरा होने के बाद इन सेवाओं के साथ इसकी शुरुआत कर दी जाए।
CISF के 1,030 पद स्वीकृत
यीडा अधिकारी के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर में भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण का कार्य एडवांस स्टेज में है। ऐसे में एयरपोर्ट के संचालन को लेकर डोमेस्टिक और इंटरनेशनल सेवाओं को लेकर निर्णय किया जाना शेष है। एयरपोर्ट पर वेलिडेशन फ्लाइट के सफल होने के बाद एयरोड्रम लाइसेंस के साथ ही वैमानिकी सूचना प्रकाशन (एआईपी) को लेकर सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। एयरपोर्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन से निर्धारित समय से पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती होती है। फिलहाल, नोएडा एयरपोर्ट के लिए CISF के 1,030 पद स्वीकृत किए हैं, पर अब तक इनकी तैनाती नहीं हो पाई है।
कंपनी पर लग रहा 10 लाख रुपये जुर्माना
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डोमेस्टिक उड़ान के लिए 15 मई तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन इंटरनेशनल उड़ान के लिए टर्मिनल बिल्डिंग को पूरा होने में थोड़ा और समय लगेगा। शर्त अनुसार कंपनी पर 29 सितंबर 2024 से प्रतिदिन 10 लाख का जुर्माना लगाया जा रहा है। यह जुर्माना संचालन होने तक लगेगा। एयरपोर्ट संचालन में निर्धारित समय से करीब आठ महीने से ज्यादा की देरी हो चुकी है।
डिजाइन सबसे बड़ी बाधा
अधिकारियों के मुताबिक टर्मिनल बिल्डिंग का काम पूरा होने में डिजाइन सबसे बड़ी बाधा बन रही है। टर्मिनल बिल्डिंग में स्टील मोल्डिंग की तकनीकी काम से समस्या बनी है। हालांकि टाटा कंपनी ने 800 से ज्यादा श्रमिक लगा दिए हैं। एयरपोर्ट पर जमीन की उपलब्धता को देखते हुए ज्यूरिख ने इस्तांबुल और बीजिंग एयरपोर्ट का अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें भविष्य में यात्री क्षमता को देखते हुए 2400 मीटर की दूरी पर छह रनवे बनाने की योजना है। वर्तमान में प्रस्तावित दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर की दूरी है।