---विज्ञापन---

Nithari Kand: सुरिंदर कोली को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआई!

Nithari Kand Case: निठारी कांड केस में सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाबाद हाईकोर्ट ने एक महीने पहले बरी कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने सीबीआई जांच को घटिया श्रेणी का करार दिया था।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 6, 2023 08:37
Share :
Nithari Kand Case CBI may Challenge Koli acquittal in Supreme Court
Nithari Kand Case CBI may Challenge Koli acquittal in Supreme Court

Nithari Kand Case CBI may Challenge Koli acquittal in Supreme Court: सीबीआई निठारी में 2006 में कम से कम 19 पीड़ितों, महिलाओं और छोटे बच्चों की जघन्य हत्याओं से जुड़े कई मामलों में नोएडा निवासी सुरिंदर कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी। पिछले महीने हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 42 वर्षीय कोली को 12 मामलों में और 65 वर्षीय मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में बरी कर दिया था इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई द्वारा की गई जांच की आलोचना करते हुए उसे ‘घटिया’ श्रेणी का बताया था।

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि चुनौती केवल कोली को बरी करने के खिलाफ होगी, पंढेर के खिलाफ नहीं क्योंकि उसके खिलाफ सबूत कमजोर थे। सीबीआई ने कभी भी पंढेर पर हत्याओं का आरोप नहीं लगाया था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हम इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुरिंदर कोली को बरी किए जाने के खिलाफ अपील करेंगे। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वह बच्चों और महिलाओं की हत्याओं में शामिल था। फैसले का अध्ययन हमारे जांचकर्ताओं और कानूनी टीम द्वारा किया जा रहा है।

---विज्ञापन---

सीबीआई ने 2007 में शुरू की मामले की जांच

बता दें कि पहली बार इस मामले का खुलासा दिसंबर 2006 में हुआ। जब पीड़ितों के कंकाल, खोपड़ियां, हड्डियां और अन्य सामग्री नोएडा सेक्टर 31 में पंढेर के बंगले के बाहर-पीछे तथा नाले में प्लास्टिक की थैलियों में भरे हुए मिले थे। पुलिस ने तब गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की थी। मामले में दोनों को एक महीने के अंदर गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने पंढेर के घर की देखभाल करने वाले कोली पर बलात्कार, अपहरण और हत्या का आरोप लगाया था। साल 2017 में दोनों आरोपियों को कई मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी।

सीबीआई ने 11 जनवरी, 2007 को पहली बार इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने पंढेर और कोली पर 16 मामले दर्ज किए। कोली पर सभी 13 मामलों में अपहरण, बलात्कार और हत्या का आरोप लगा था। दूसरी ओर, पंढेर पर केवल एक मामले में आरोप लगाया गया था। बाद में उन्हें सीबीआई अदालत ने पांच मामलों में कोली के साथ सह-आरोपी बनाया था।

कोर्ट ने सीबीआई पर नियम तोड़ने का लगाया आरोप

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 308 पन्नों के फैसले में सीबीआई जांच की तीखी आलोचना की। कोर्ट ने सीबीआई पर जांच केे दौरान नियम तोड़ने का आरोप लगाया। डबल बैंच ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई ने गिरफ्तारी, बरामदगी और कबूलनामे को लापरवाहीपूर्ण तरीके से निपटाया है वह बहुत निराशाजनक है। सबूत जुटाने के दौरान बुनियादी नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। बता दें कि इलाहाबाद अदालत के फैसले से पहले, कोली को तीन मामलों में बरी कर दिया गया था और एक मामले में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वहीं पंढेर के खिलाफ छह मामले थे इससे पहले वह चार मामलों में बरी हो चुके हैं।

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 06, 2023 08:27 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें