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स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन में सेंगोल स्थापना पर उठाए सवाल; बोले- ये भाजपा के ‘राजतंत्र’ का प्रतीक

New Parliament Building Inauguration: रामचरितमासन पर टिप्पणी करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब नए ससंद भवन में दक्षिण के ब्राह्मणों को बुलाए जाने पर भाजपा को घेरा है। इसके अलावा सेंगोल राजदंड की स्थापना को भी राजशाही का प्रतीक बताया है। स्वामी ने ट्वीट में क्या लिखा रविवार को सपा […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jun 6, 2023 14:04
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New Parliament Building Inauguration: रामचरितमासन पर टिप्पणी करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब नए ससंद भवन में दक्षिण के ब्राह्मणों को बुलाए जाने पर भाजपा को घेरा है। इसके अलावा सेंगोल राजदंड की स्थापना को भी राजशाही का प्रतीक बताया है।

स्वामी ने ट्वीट में क्या लिखा

रविवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था।

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लोगों ने उनके ट्वीट पर किया ये जवाब

ऐसा न कर भाजपा अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। यद्यपि कि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। ट्वीट के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर की है, जिसमें उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अन्य धर्मगुरुओं को भी दिखाया है।

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स्वामी प्रसाद बोले- राजतंत्र की राह पर है भाजपा

इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा, सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। आज देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इनको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

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रामचरितमानस पर भी की थी टिप्पणी

बता दें कि पूर्व में स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर भी टिप्पणी की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति काफी गर्मा गई थी। हालांकि इस मामले में यूपी में कई मुकदमे भी दर्ज हुए थे। अब नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने दक्षिण के ब्राह्मणों को बुलाए जाने पर अपने विरोध किया है।

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Edited By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: May 28, 2023 02:39 PM

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