Nameplate Controversy Supreme Court Order: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट लगाने पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगी। इसका मतलब यह है कि होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट और दुकानों पर नाम नहीं लिखने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित दोनों राज्य सरकारों को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। उसके बाद एक हफ्ते में याचिकाकर्ताओं को काउंटर एफिडेविट दायर करना होग।
अगली सुनवाई 5 हफ्ते बाद 5 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमने 22 जुलाई के अपने आदेश में वह सब कुछ कह दिया था, जो कुछ भी कहने की जरूरत थी। हम किसी को भी नाम बताने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। पुलिस ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। इसलिए अगली सुनवाई के लिए निर्धारित तारीख 5 अगस्त तक नेमप्लेट पर रोक लगाने का आदेश प्रभावी रहेगा।
Kanwar Yatra | The Supreme Court continues its interim order of staying directives issued by authorities of certain State governments that eateries along the Kanwar Yatra route should display the names of the owners outside such shops.
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 26, 2024
योगी सरकार ने आज सुबह ही दायर किया हलफनामा
22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। योगी सरकार ने आज सुबह ही कांवड़ यात्रा मामले में हलफनामा दायर किया। इसमें योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों का नाम लिखे जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है कि…
- यह निर्देश कांवड़ियों की शिकायतों के बाद ही लाए गए हैं।
- यह निर्देश कांवड़ यात्रा के दौरान शांति, सुरक्षा और व्यापक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हैं।
- यात्रा में कांवड़ियों के बड़ी तादाद में शामिल होने और सांप्रदायिक तनाव की संभावना को देखते हुए सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह निर्देश दिया गया है।
- कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा के दौरान उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के संबंध में पारदर्शिता के लिए यह निर्देश दिया गया है।
- कांवड़ियों को पता होना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं और कहां खा रहे हैं? इसके लिए यह निर्देश जारी किया गया है।