UP HIV Case: उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल में 16 महीनों में 60 से अधिक गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गईं हैं। मामले की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। फिलहाल, मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में पिछले 16 महीनों में 60 से अधिक गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं। अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी इस पर नजर रख रही है।
ART सेंटर की रिपोर्ट के बाद हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) सेंटर की एक रिपोर्ट के बाद ये खुलासा हुआ। रिपोर्ट में बताया गया कि लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डिलिवरी के लिए आई 81 गर्भवती महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि हुई थी।
81 एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं में से कम से कम 35 प्रभावित महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। ART सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 के बीच मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में गर्भवती महिलाओं में एचआईवी के 33 नए मामले दर्ज किए गए। जुलाई 2023 तक 13 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा, 35 गर्भवती महिलाएं पहले से ही एचआईवी से प्रभावित पाई गईं।
HIV पॉजिटिव महिलाएं नवजातों का कैसा है हेल्थ?
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रभावित महिलाओं का मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में इलाज चल रहा है और वे ठीक हैं। नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी ने बताया कि 18 माह पूरे होने पर नवजात बच्चों की एचआईवी जांच करायी जायेगी।
इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए, मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन प्रसाद ने कहा कि मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में 60 महिलाओं में एचआईवी के मामले सामने आए हैं। हालांकि, सभी महिलाएं और नवजात बच्चे स्वस्थ हैं।
महिलाएं कैसे हुईं HIV पॉजिटिव, जांच जारी
सीएमओ प्रसाद ने कहा कि हमारे पास प्रभावित महिलाओं का विवरण नहीं है। प्रभावित महिलाओं का विवरण और उन्हें एचआईवी कैसे हुआ इसके कारणों का पता लगाने के लिए एक टीम का गठन किया गया है।
बता दें कि एचआईवी तब फैल सकता है जब संक्रमित रक्त, वीर्य या योनि तरल पदार्थ शरीर में प्रवेश करते हैं। यह असुरक्षित शारीरिक संबंध के दौरान या नशीली दवाओं के इंजेक्शन या टैटू बनाने के लिए सुई साझा करने से या संक्रमित व्यक्ति के खून वाली सुई फंसने से फैल सकता है। एचआईवी गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है।