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UP के मेरठ मेडिकल कॉलेज ने रचा इतिहास, बना ‘हिंग्लिश’ में MBBS पढ़ाने वाला प्रदेश का पहला संस्थान

News: उत्तर प्रदेश के लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज (मेरठ) में पहली बार प्रोफेसरों ने हिंदी और अंग्रेजी यानी ‘हिंग्लिश’ में एमबीबीएस छात्रों के नए बैच की क्लास को लेक्चर देना शुरू कर दिया है। बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकार की ओर से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए पहल […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Dec 3, 2022 18:35
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News: उत्तर प्रदेश के लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज (मेरठ) में पहली बार प्रोफेसरों ने हिंदी और अंग्रेजी यानी ‘हिंग्लिश’ में एमबीबीएस छात्रों के नए बैच की क्लास को लेक्चर देना शुरू कर दिया है। बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकार की ओर से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए पहल की गई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में काम करना शुरू किया था।

एक महीने पहले मिली थी सरकार की मंजूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तरीके में अंग्रेजी चिकित्सा शब्दावली का उपयोग किया जाता है। हालांकि सरकार की ओर से निर्देश हिंदी में पढ़ाने के हैं। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर आरसी गुप्ता ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि हमने एमबीबीएस छात्रों को द्विभाषी माध्यम (हिंदी और अंग्रेजी) से पढ़ाना शुरू कर दिया है। यह उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ है। राज्य सरकार ने एक महीने पहले इसके लिए मंजूरी दी थी।

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नई शिक्षा नीति में मूल भाषा पर जोर

एलएलआरएम में एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पंकज अग्रवाल ने बताया कि चूंकि नई शिक्षा नीति मूल भाषा में शिक्षा पर जोर देने वाली है, इसलिए हमने हिंदी में एमबीबीएस कोर्स के विभिन्न विषयों के लिए पढ़ाई की सामग्री तैयार की है। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए किताबों को भी संकलित किया जा रहा है।

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एमसीएच वेबसाइट और ऐप पर वीडियो और आर्टिकल्स

बता दें कि प्रो. पंकज अग्रवाल ने वर्ष 2017 में मेडिकल कॉन्सेप्ट्स इन हिंदी (एमसीएच) अभियान के साथ एक प्रक्रिया भी शुरू की थी। उन्होंने बताया कि हमने एमबीबीएस कोर्स के विभिन्न विषयों के सभी भागों के की अध्ययन सामग्री तैयार कर ली है। यह सभी के लिए एमसीएच वेबसाइट और ऐप पर निशुल्क उपलब्ध है। यहां 300 वीडियो और लगभग 1,000 आर्टिकल्स हैं।

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कुछ शब्द अंग्रेजी में ही हैं

मेडिकल कॉलेज के कुछ प्रोफेसरों ने कहा कि मेडिकल के कुछ शब्दों को हिंदी में अनुवाद करना कठिन है, इसलिए अभी दोनों माध्यमों से पढ़ाई कराई जा रही है। उदाहरण के लिए बताया गया है कि थायरॉयड ग्रंथि को हिंदी में यही लिखा गया है, क्योंकि यह अनुवादित नहीं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास चिकित्सा विज्ञान पढ़ाना और चिकित्सा विज्ञान के सभी विषयों की समानांतर विकसित करना है। ताकि हिंदी माध्यम के छात्र इसे अच्छी तरह से समझ सकें और अंग्रेजी वाले सहपाठियों से पीछे न रहें।

ओरिएंटेशन में हिंग्लिश का इस्तेमाल

मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी के प्रोफेसर सुधीर राठी ने बताया कि हम अंग्रेजी में लेक्चर देते थे। अब एमबीबीएस के नए बैच के छात्रों के ओरिएंटेशन में ‘हिंग्लिश’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। विषयों को हिंदी में समझाया जाएगा। चिकित्सा शब्दावली अंग्रेजी में ही रहेगी।

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HISTORY

Edited By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: Nov 23, 2022 08:25 PM
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