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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

नत्थूपुर पहुंचे दुनिया भर के मल्ल, पूर्वजों को किया याद

पितृ पक्ष के मौके पर मऊ जिले का नत्थूपुर गांव कुछ खास कर गया। यहां अपने पूर्वजों को याद करने के लिए सैथवार-मल्ल क्षत्रिय समाज के लोग इक्कट्ठे होते हैं।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Oct 10, 2023 00:07
Nathupur News, UP News, Trending News
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मऊ। पितृ पक्ष के मौके पर मऊ जिले का नत्थूपुर गांव कुछ खास कर गया। यहां अपने पूर्वजों को याद करने के लिए सैथवार-मल्ल क्षत्रिय समाज के लोग इक्कट्ठे होते हैं। इस बार यहां रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। इस दौरान बिरादरी की कई प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया।

पितृ पक्ष में लोग पूर्वजों को याद करते हैं। इस अवसर पर नत्थूपुर में बिरादरी के लोग जमा हुए। इस अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में हजारों यूनिट ब्लड डोनेट किया गया। पुराने समय से ही सहस्त्र वार और मल्ल दोनों की पहचान क्षत्रिय योद्धा के रूप में होती रही है। राजा—महाराजा पराक्रमी योद्धाओं को मल्ल की उपाधि देते थे। सहस्त्र वार (सैंथवार) मूल रूप से क्षत्रिय रहे हैं और उनको मल्ल की उपाधि की गई थी।

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इस मौके पर राष्ट्रीय सैंथवार मल्ल मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह सैंथ भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जहां जातीय जनगणना पर विमर्श चल रहा है, वहीं हमारी जाति की पहचान को समाप्त करने के लिए और वोट बैंक के लिए राजनीतिक दल साजिश रच रहे हैं। इसमें उनके गौरवशाली इतिहास को झुठलाने की कोशिश की जा रही है। अतः वह अपने समाज के युवाओं से अपील करते हैं कि वे गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्थापित करने के लिए आगे आएं।

वहीं, घोसी नवनिर्माण मंच के संस्थापक व अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्री नाथ मल्ल विशेन ने कहा कि मल्ल क्षत्रिय हमेशा से समाज के सुरक्षा के लिए पहली पंक्ति में खड़े रहे हैं। उन्हें अपनी जाति पर गर्व है लेकिन वे सभी जातियों का सम्मान भी करते हैं। जब भी समाज को जरूरत होती है, क्षत्रिय अपना सर्वस्व न्योछावर करता है।

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First published on: Oct 07, 2023 12:02 AM

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