Uttar Pradesh Greater Noida West (जुनेद अख्तर) : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटियों में लिफ्ट अटकने का सिलसिला जारी है। बृहस्पतिवार को भी ग्रेनो वेस्ट की नामी सोसायटी महागुन मायवुड्स के एक टावर की लिफ्ट बंद हो गई। घटना के समय एक 80 वर्षीय बुजुर्ग लिफ्ट में करीब 15 मिनट तक फंसे रहे। काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें लिफ्ट से बाहर निकाला गया। तबियत बिगड़ने पर उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि सोसायटी में इससे पहले भी कई बार लिफ्ट अटक चुकी है।
लिफ्ट का अलार्म बटन नहीं बजा
जानकारी के मुताबिक 80 वर्षीय बुजुर्ग परिवार के साथ सोसायटी में रहते हैं। वह बृहस्पतिवार को सोसायटी की लिफ्ट से नीचे उतर रहे थे। इस बीच छठे फ्लोर के पास लिफ्ट बंद हो गई। बुजुर्ग ने लिफ्ट में लगे अलार्म बटन को काफी देर तक दबाया, लेकिन मदद नहीं मिली। बदहवास बुजुर्ग ने परिवार के सदस्यों को फोन कर इस बारे में बताया। जिसके बाद परिवार के सदस्य, सोसायटी के सिक्योरिटी गार्ड और मेंटनेंस के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्हें लिफ्ट से बाहर निकाला। बुजुर्ग करीब 15 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे, जिसके चलते उनकी तबियत भी बिगड़ गई। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया हे।
आए दिन लिफ्ट हो रही खराब
निवासियों ने बताया कि महागुन मायवुड्स सोसायटी में 27 टावर है। करीब छह हजार फ्लैट हैं। कब्जा मिलने के बाद पांच हजार परिवार निवास कर रहे हैं। निवासियों ने बताया कि लिफ्ट अटकना और बंद होना आम बात हो गई है। यह सब बिल्डर की लापरवाही के चलते हो रहा है। बिल्डर की वजह से सोसायटी का बुरा हाल है। सोसायटी की सफाई व्यवस्था रामभरोसे है। निवासी विभिन्न समस्याओं को लेकर कई बार बिल्डर से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है।
पहले भी अटक चुकी है लिफ्ट
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में महागुन मायवुड्स के अलावा पंचशील ग्रीन, ग्रीन आर्क, इरोज सम्पूर्णम सोसायटी, आम्रपाली गोल्फ होम्स, सुपरटेक इकोविलेज आदि सोसायटियों में लिफ्ट अटकने की घटना सामने आ चुकी है। यहां रहने वाले निवासियों का कहना है कि बिल्डर की लापरवाही के चलते लिफ्ट अटकती है। कई बार सोसायटी के लोगों की जान पर बन आती है। इसके बाद भी बिल्डर पर कोई असर नहीं होता है। निवासियों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को इन लापरवाह बिल्डरों पर सख्ती करनी चाहिए।
लिफ्ट एक्ट 2024 का नहीं असर
इसके तहत लिफ्ट हादसा होने पर बिल्डिंग स्वामी को 24 घंटे के भीतर डीएम, संबंधित प्राधिकरण और स्थानीय कोतवाली को इसकी जानकारी देनी होगी। कानून स्थानीय विकास निकायों और अथॉरिटी द्वारा लागू किया जाएगा। इस एक्ट के तहत लिफ्ट लगाने वाली कंपनी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। निवासियों का कहना है कि लिफ्ट एक्ट तो बना दिया, लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। जबकि इस एक्ट के बाद सैकड़ों बार लिफ्ट अटकने की घटना सामने आ चुकी है।