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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

मानहानि के मामले में आज़म ख़ान पर बड़ा फैसला, लखनऊ MP MLA कोर्ट ने पूर्व मंत्री को किया बरी

Lucknow MP MLA court big desicion against Azam Khan:पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मानहानि का केस दर्ज हुआ था. आज इसी मामले में आजम खान लखनऊ एमपी एमएलए कोर्ट में पहुंचे थे. मामले में कोर्ट ने आज उन्हें बरी कर दिया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Nov 7, 2025 19:03
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अखिलेश यादव और आजम खान

Lucknow MP MLA court big desicion against Azam Khan: लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में आज़म ख़ान पर दर्ज 6 साल पुराने मानहानि के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट आज बड़ा फैसला सुना सकती है. पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मानहानि का केस दर्ज हुआ था. आज इसी मामले में आजम खान लखनऊ एमपी एमएलए कोर्ट में पहुंचे हैं. मामले में कोर्ट आज बड़ा फैसला सुना सकती है. इसी एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने छह साल पुराने मामले में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को बरी कर दिया था. वो यह मामला 2019 में आप नेता फैसल लाला को धमकाने से जुड़ा था.

अखिलेश यादव के साथ पारिवारिक रिश्ता: आजम खान

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने शुक्रवार को अखिलेश यादव के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की. आजम खान ने बताया कि अखिलेश यादव के साथ उनका रिश्ता राजनीति से परे है. 50 साल से भी ज्यादा समय से हमारे परिवार एक-दूसरे को जानते हैं. लखनऊ में अखिलेश यादव के घर जाने के बाद पीटीआई वीडियोज से बात करते हुए आजम खान ने कहा, अखिलेश यादव के साथ रिश्ता कमजोर होने में सालों का वक्त लगेगा. ताउम्र वह इस रिश्ते की कद्र करेंगे और उनके जाने के बाद भी यह रिश्ता अगली पीढ़ी के साथ जारी रहेगा. अगर कभी इस रिश्ते पर थोड़ी जंग लगी देखी तो वह खुद इसे साफ कर देंगे, किसी और की जरूरत नहीं है.

एक महीने में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बड़ी बातचीत

अखिलेश यादव और आजम खान के साथ बातचीत में शामिल आजम के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम ने कहा कि हम दो नहीं, एक परिवार हैं. चर्चा पूरी तरह से पारिवारिक थी, राजनीतिक नहीं. परिवारों के बीच की बातें सार्वजनिक नहीं की जातीं. बैठक के बाद अखिलेश यादव ने भी अपने एक्स अकाउंट पर इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ना जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेल-मिलाप है, यही हमारी सांझी विरासत है.” हाल तक ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि यादव के साथ कथित मतभेदों के चलते खान समाजवादी पार्टी छोड़ सकते हैं. हालांकि, खान ने ऐसा कोई कदम उठाने से साफ इनकार किया है. शुक्रवार को एक महीने में दोनों नेताओं में दूसरी बड़ी बातचीत थी.

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First published on: Nov 07, 2025 06:13 PM

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