Lucknow: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा, ‘हमें आशा है कि केंद्र सरकार देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और गायों को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए जल्द उचित फैसला लेगी।’
अदालत ने यह टिप्पणी गोहत्या के एक केस की सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की की अर्जी को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जो कोई भी गायों को मारता है या दूसरों को उन्हें मारने की अनुमति देता है, उसे कई वर्षों तक नरक में सड़ना पड़ता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कल कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करने पर उचित निर्णय लेगी।
अदालत गोकशी के आरोप में बाराबंकी निवासी की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2023
गोवंश मांस के साथ गिरफ्तार हुआ था आरोपी
यह पूरा मामला 14 फरवरी का है। लेकिन अब सामने आया है। बाराबंकी के रहने वाले मोहम्मद अब्दुल खालिक ने लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। पुलिस ने अब्दुल को गोवंश के मांस के साथ गिरफ्तार किया था। उसने कोर्ट में दलील दी कि उसे पुलिस ने बिना सबूत के पकड़ा है। इसलिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित कार्यवाही को रद्द किया जाना चाहिए।
लेकिन जस्टिस शमीम अहमद ने याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्यों से याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
दैवीय प्रतिनिधि है गाय: जस्टिस शमीम
न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और सभी धर्मों के लिए सम्मान होना चाहिए। हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि गाय दैवीय और प्राकृतिक भलाई का प्रतिनिधि है। इसलिए इसे संरक्षित और सम्मानित किया जाना चाहिए।
भगवान राम को भी उपहार में गाय
जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय को विभिन्न देवताओं से जोड़ा गया है। किंवदंती के अनुसार, गाय समुद्रमंथन के समय निकली थी। वैदिक काल से ही गाय की पूजा की जा रही है। गाय की महत्ता का जिक्र महाभारत, वेदों में भी है। भगवान राम को भी कई गायों का उपहार मिला था।
कोर्ट ने कहा कि गोवंश संरक्षण की लगातार मांग की जा रही है। इसलिए गोवध पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार को गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करे। हम यह आशा करते हैं।
यह भी पढ़ें: आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली राहत, जमानत के खिलाफ UP सरकार की याचिका खारिज