Uttar Pradesh Noida News (जुनेद अख्तर) : नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटियों में आए दिन लिफ्ट अटकने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कई बार लोगों की जान पर भी बन आती है। इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने लिफ्ट एक्ट को सख्ती से लागू किए जाने का काम शुरू कर दिया है। प्रशासन की इस पहल से जिले के करीब 10 लाख लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन न कराने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जिला प्रशासन की टीम ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
एक अप्रैल से लगेगा जुर्माना
लिफ्ट हादसों को रोकने और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई तय करने के लिए 26 सितंबर को लिफ्ट एक्ट लागू किया गया था। जिले में लिफ्ट एक्ट को लागू हुए लगभग छह माह पूरे होने वाले हैं, लेकिन अब तक एक प्रतिशत लिफ्ट का ही रजिस्ट्रेशन हो सका है, जबकि जिले में 49 हजार से अधिक लिफ्ट लगी हुई है। इनमें ज्यादातार लिफ्ट विभिन्न सोसायटियों में लगी हैं। लिफ्ट अटकने की ज्यादातर घटनाएं इन सोसायटियों में ही सामने आती हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने अब सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। प्रशासन के मुताबिक,निजी संस्थाओं के अलावा सरकारी संस्थाएं भी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आगे नहीं आ रही है। ऐसे में प्रशासन एक अप्रैल से जुर्माना लगाने की कार्रवाई करेगा।
जिले में 49 हजार लिफ्ट, रजिस्ट्रेशन सिर्फ 700 का
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने पांच सदस्य समिति की अक्टूबर में पहली बैठक की थी। एक्ट की धारा 10 के प्रावधानों के अनुसार पहले से मौजूद लिफ्ट और एस्केलेटर का छह माह में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था। लिफ्ट, एस्केलेटर बनाने वाली कंपनियां भी इस दायरे में रखा गया था। अब करीब साढ़े पांच माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक जिले में सिर्फ 700 लिफ्ट का ही रजिस्ट्रेशन हो सका है। शेष करीब 49 हजार या इससे अधिक लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जिम्मेदार संस्था आगे नहीं आ रही, ऐसे में एक अप्रैल से प्रशासन ने कार्रवाई की तैयार कर ली है।
डीएम की गठित कमेटी करेगी जांच
रजिस्ट्रेशन न मिलने पर कार्रवाई के नियम पूर्व में ही तय हो चुके हैं। वहीं, डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी में संबंधित अथॉरिटी के सीईओ, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अधिशासी अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता और सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा को शामिल किया गया है। किसी भी दुर्घटना के मामले में डीएम किसी भी विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को संयुक्त रूप से जांच सौंप सकते हैं।
उल्लंघन पर इस प्रकार लगेगा जुर्माना
एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि यदि विलंब सात दिन या उससे कम है, तो 100 रुपए प्रतिदिन का विलंब शुल्क लगेगा। सात दिन से अधिक और 15 दिन तक 200 रुपए प्रतिदिन विलंब शुल्क लगेगा। इसके अलावा 15 दिन से अधिक और 30 दिन तक, 500 प्रतिदिन और 30 दिन पूरे होने के बाद दस हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क लगेगा।
26 मार्च तक होगा निशुल्क रजिस्ट्रेशन
कोई भी व्यक्ति लिफ्ट एक्ट के तहत कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम वित्त एंव राजस्व कार्यालय में जाकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकता है। उन्हें विभाग में लिफ्ट संबंधी दस्तावेज, लोग बुक समेत लिफ्ट की क्षमता इत्यादि के दस्तावेज जमा करने होंगे। लिफ्ट पंजीकरण के लिए 26 मार्च तक का समय हैं, इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से तय नियमों के मुताबिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जानें क्या है लिफ्ट एक्ट 2024
इसके तहत लिफ्ट हादसा होने पर बिल्डिंग स्वामी को 24 घंटे के भीतर डीएम, संबंधित प्राधिकरण और स्थानीय कोतवाली को इसकी जानकारी देनी होगी। कानून स्थानीय विकास निकायों और अथॉरिटी द्वारा लागू किया जाएगा। इस एक्ट के तहत लिफ्ट लगाने वाली कंपनी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं मिलता है तो जुर्माने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।