Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बचाव अभियान जारी है। सेना लापता हुए लोगों को ढूंढ रही है। भूस्खलन के कारण उत्तरकाशी-हर्सिल रोड पर आए मलबे को जेसीबी से साफ किया जा रहा है। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस मिलकर बचाव अभियान चला रही है।
बता दें कि 5 अगस्त देवभूमि उत्तराखंड के लिए काला दिन साबित हुआ। 34 सेकंड में उत्तरकाशी का धराली गांव बह गया। इसमें सेना के 10 जवान समेत कई लोग लापता हो गए। अभी तक 4 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। हर्षिल घाटी में सेना का कैंप भी बाढ़ से बह गया।
8 हजार फीट पर बसा है गांव
धराली गांव समुद्र तल से करीब 8 हजार फीट ऊंचाई पर बसा है। धराली में हिमालत के बेहद करीब है। यहा बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़, घास के मैदान, देवदार और अल्पाइन के बड़े-बड़े पेड़ और झील-झरने धरली गांव की खूबसूरती है। मसूरी, देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, चकराता, हरिद्वार, नैनीताल में बढ़ती भीड़ की वजह से कुछ सालों से पर्यटकों ने धराली गांव का विकल्प खोजा था।
6 घंटे फंसे रहे डीएम और एसपी
धराली में आपदा के बाद मौके पर जाने के लिए उत्तरकाशी से डीएम प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोबाल भी रास्ते में फंस गए। गंगोत्री हाईवे बंद होने से दोनों नेताला गांव के पास फंसे रहे। डीएम-एसपी के साथ कई प्रशासनिक अधिकारी भी थे। देर रात 6 घंटे बाद हाईवे खुला और दोनों घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने भूस्खलन जोन पर 24 घंटे मशीनें तैनात करने का आदेश दिया है।