शाहनवाज चौधरी, बुलंदशहर।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जमीन के विवाद में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला बोल दिया। प्लानिंग के तहत स्टेट हाईवे पर चलती कार में टक्कर मारी गई। जिससे कार खेत में जा गिरी, इसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को दौड़ा दौड़ा कर बेरहमी से पीटा। घटना में धारदार और नुकीले हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। जानलेवा हमले में 5 लोग घायल हैं। जिनमें दो लोगों की हालत गम्भीर बनी है। पीड़ित पक्ष ने दो लोगों को गोली लगने का भी दावा किया है, हालांकि एसएसपी ने मेडिकल के आधार पर गन शॉट्स के दावे को नकार दिया है।
क्या है पूरा मामला?
औरंगाबाद थाना क्षेत्र के गांव मूढी बकापुर में प्रन्वेंद्र शर्मा, नरेंद्र, निखिल,जितेंद्र शर्मा और सत्येंद्र पक्ष का खेत की चकबंदी को लेकर दूसरे पक्ष से विवाद चल रहा था। आरोप है रविवार को दूसरे पक्ष ने जोर जबरदस्ती खेत की जुताई कर दी। जिसकी शिकायत लेकर प्रवेन्द्र पक्ष औरंगाबाद थाने गया था। वहां से लौटते समय गांव के पास आरोपी पक्ष ने उन पर हमला कर दिया। स्टेट हाईवे पर कार को टक्कर मारी गई। जिससे कार खेत में जा घुसी।
आरोपियों ने खेत में दौड़ा दौड़ा पर उनकी पिटाई की। फायरिंग का भी आरोप है। धारदार और नुकीले हत्यारों से वार कर निशाना बनाया गया। सूचना के आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहां सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने भी मौके का मुआयना किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
11 पर दर्ज हुई FIR
मुढ़ी बकापुर निवासी मोहित पुत्र गुरुदत्त, शिवम पुत्र गुरु दत्त, अनिल पुत्र विजेंद्, सुनील पुत्र बिजेंद्र, लोकेश पुत्र ज्ञानेंद्र, बॉबी, प्रदीप, लाला, मोहित, सचिन साहब सिंह व गब्बर के खिलाफ गम्भीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
ये है असली विवाद
गांव मुढ़ीबकापुर में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही थी। पीड़ित पक्ष को चकबंदी में उसके मूल खेत से अलग खेत आवंटित किया गया था। हालांकि उनको कब्जा नहीं मिला था। वह कब्जे की गुहार लगाने कई बार राजस्व अफसरों के पास गए। लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। रविवार को विपक्षियों ने उनका खेत जोत दिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। पूर्व में भी दोनों पक्षों के बीच जमीन के विवाद को लेकर मुकदमे बाजी चल रही है। आपको बता दे की चकबंदी के बाद अगर पीड़ित पक्ष को उसकी जमीन पर कब्जा दिला दिया जाता तो यह विवाद होता ही नहीं।
SO की भूमिका संदिग्ध
घटना की समय की कई वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनमें पीड़ित पक्ष के लोग औरंगाबाद के थाना प्रभारी पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। वीडियो में पीड़ित पक्ष के लोग इस घटना का जिम्मेदार एसओ की लापरवाही को बता रहे हैं। वीडियो के आधार पर एसओ की भूमिका की जांच के आदेश भी एसएसपी ने दिए हैं।
गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें गठित
एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमों का गठन किया गया है। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस प्रशासनिक स्तर पर अगर किसी की लापरवाही सामने आती है, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना में घायल किसी को भी गन शॉट्स इंज्यूरी नहीं है। चोट धारदार और नुकीले हथियारों की हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।