Krishna Janmashtami Date and Time: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हर हिंदू परिवार के लिए बेहद खास दिन होता है। वैसे तो ये त्योहार पूरे भारत और देश-विदेश में रहने वाले वाले भारतीय हिंदू मनाते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में ये दिन सबसे खास होता है। कन्हैया के जन्म की खुशी में मथुरा और वृंदावन को सजाया जाता है। हर घर में लोग अपने आराध्य के लिए व्रत रखते हैं। आधी रात को जैसे ही कान्हा का जन्म होता है, वैसे ही हर मंदिर और घर में घंटे-घड़ियालों की नाद सुनाई देने लगती है। इस बार जन्माष्टमी की तारीख (Krishna Janmashtami Date and Time) को लेकर असमंजस है, क्योंकि 6 या 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाए जानी की चर्चा है।
इन नामों से भी जानी जाती है जन्माष्टमी
हिंदू कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी के लिए रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर को सुबह 9.20 बजे से शुरू होगा और 7 सितंबर को सुबह 10.25 बजे तक रहेगा। इस बीच अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4.14 बजे समाप्त होगी। यही कारण है कि 6 और 7 सितंबर दोनों ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा सकती है। बता दें कि जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती, कृष्णाष्टमी और जन्माष्टमी भी कहा जाता है।
जन्माष्टमी 2023: शुभ मुहूर्त
निशिता पूजा समय – रात 11.57 बजे से रात 12.42 बजे तक, 7 सितंबर
अष्टमी तिथि का आरंभ – 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3.37 बजे
अष्टमी तिथि का समापन – 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट तक
रोहिणी नक्षत्र का आरंभ – 6 सितंबर 2023 सुबह 9 बजकर 20 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र का समापन – 7 सितंबर 2023 को सुबह 10.25 बजे
मथुरा-वृंदावन में वाहनों का प्रवेश रहेगा बंद
आयोजन की बात करें तो इस दिन मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर समेत ब्रज से सभी प्रमुख मंदिरों में खास कार्यक्रम होते हैं। कन्हैया की नगरी मथुरा के हर चौक चौराहे को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाता है। इतना ही नहीं लाखों श्रद्धालुओं के सौलाब को देखते हुए ट्रैफिक के भी कड़े इंतजाम किए जाते हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि से करीब 10 किमी तक के क्षेत्र की बैरिकेडिंग कर दी जाती है। साथ ही वृंदावन को भी चारों ओर से वाहनों के लिए सील कर दिया जाता है। श्रद्धालुओं को पैदल जाने की ही अनुमति दी जाती है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर से जारी हुआ कार्यक्रम
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान की ओर से भी इस बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मभूमि में इस बार कन्हैया का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यहां जन्मोत्सव का कार्यक्रम 7 सितंबर की रात्रि को होगा। जन्मस्थान सेवा संस्थान की ओर से कार्यक्रम का पूरा समय जारी किया गया है।
- ठाकुरजी का जन्माभिषेक रात्रि 12.05 से 12.20 बजे तक होगा
- रजत कमल पुष्प में ठाकुरजी का जन्म महाभिषेक 12.20 से 12.40 बजे तक होगा
- ठाकुरजी की श्रृंगार आरती रात 12.40 से 12.50 बजे तक होगी