Asad Ahmed Encounter: माफिया से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गुरुवार को मुठभेड़ में मार गिराया। खबरों के मुताबिक, यूपी एसटीएफ की टीम ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश की देखरेख और डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। बता दें कि असद प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड था और उस पर पांच लाख रुपये के इनाम था।
अमिताभ यश बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं और आईपीएस-आरआर 1996 बैच के हैं। उन्हें 1 जनवरी, 2021 को पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के पद पर प्रमोट किया गया था। उन्हें बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में अपने मुठभेड़ अभियानों के लिए लंबे समय से जाना जाता है।
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2007 में अमिताभ यश को बनाया गया था एसएसपी एसटीएफ
मई 2007 में, जब मायावती के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार थी, अमिताभ यश को एसएसपी एसटीएफ बनाया गया था। उस दौरान यश ने ददुआ के नाम से मशहूर अपराधी शिव कुमार पटेल को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। महीनों की कोशिशों के बाद अमिताभ यश ने ददुआ को एनकाउंटर में मार गिराया था।
बता दें कि ददुआ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमाओं के पार अपराध को अंजाम देता था। प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या की सूचना मिलने के बाद अतीक की बहन ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश पर ये आरोप लगाया था कि वे उसके भाइयों का एनकाउंटर करवा सकते हैं।
विकास दुबे के लिए भी यश ने रचा था चक्रव्यूह
कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर का भी चक्रव्यूह अमिताभ यश ने ही रचा था। पूरे ऑपरेशन में अमिताभ यश का बड़ा रोल था। उन्होंने ही पूरे ऑपरेशन को हैंडल किया था। बता दें कि यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश को 2019 में कुंभ सेवा मेडल, 2020 में कमेंडेशन डिस्क प्लेटिनम और 2023 में उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।