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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Greater Noida News: जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित 10 हजार किसानों को मुआवजा बांटने की तैयारी, 1689 करोड़ की हुई मांग

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण (यीडा) जेपी इंफ्राटेक से जुड़े भूमि अधिग्रहण में प्रभावित किसानों को अब तक वितरित किए गए अतिरिक्त मुआवजे की गणना कर रहा है। जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं से गौतमबुद्ध नगर से लेकर आगरा तक करीब 10,000 किसान प्रभावित हुए हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : praveen vikram Updated: Jul 25, 2025 19:24
Yamuna Authority
यमुना प्राधिकरण का कार्यालय (Pic Credit- ANI)

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण (यीडा) जेपी इंफ्राटेक से जुड़े भूमि अधिग्रहण में प्रभावित किसानों को अब तक वितरित किए गए अतिरिक्त मुआवजे की गणना कर रहा है। यह आंकलन सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन उस मामले से जुड़ा है, जिसमें यीडा ने किसानों को मुआवजा देने के लिए अधिग्रहणकर्ता कंपनी सुरक्षा रियलटी से 1689 करोड़ रुपये की मांग की थी।

10 लाख की मिली स्वीकृति

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NGT) ने यीडा के दावे को खारिज करते हुए केवल 10 लाख रुपये की स्वीकृति दी थी। इसके खिलाफ अपील के बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCALT) ने आदेश दिया था कि सुरक्षा रियलटी चार साल में पांच किश्तों में 1335 करोड़ रुपये यीडा को दें, लेकिन इस आदेश पर अमल से पहले ही यीडा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया जहां मामला फिलहाल लंबित है।

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10 हजार किसान है प्रभावित

जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं से गौतमबुद्ध नगर से लेकर आगरा तक करीब 10,000 किसान प्रभावित हुए हैं। यीडा का कहना है कि किसानों को अभी भी करीब 355 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है जो 1335 करोड़ के बाहर की रकम है। इस अंतर की पूर्ति के लिए यीडा ने अपने स्तर से भुगतान करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है जो अब तक लंबित है।

20 हजार खरीदारों को मिलना है कब्जा

जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण सुरक्षा रियलटी ने किया है। उस पर नोएडा, मिर्जापुर और आगरा की आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी है ताकि करीब 20 हजार फ्लैट खरीदारों को कब्जा मिल सके। ऐसे में किसानों को मुआवजा और फ्लैट खरीदारों को कब्जा दोनों प्राधिकरण के लिए चुनौती भरा है।

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क्या बोले सीईओ?

यीडा के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्राधिकरण यह आंकलन कर रहा है कि अब तक कितनी राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है। इस गणना के बाद यह तय होगा कि आगे कितनी धनराशि की आवश्यकता है। इसे किस स्रोत से उपलब्ध कराया जाएगा।

 

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First published on: Jul 25, 2025 07:12 PM

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