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Joshimath: जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में, क्या बच पाएगी देव नगरी?

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में लगभग 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ में जमीन धंस रही है। इसके कारण कई मकानों और सड़कों में दरार आ गई है। अभी तक कुल 561 मकानों में दरार आ चुकी है यह खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। क्या घर, क्या होटल, क्या सरकारी ऑफिस…सभी पर […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Jan 6, 2023 20:35
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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में लगभग 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ में जमीन धंस रही है। इसके कारण कई मकानों और सड़कों में दरार आ गई है। अभी तक कुल 561 मकानों में दरार आ चुकी है यह खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। क्या घर, क्या होटल, क्या सरकारी ऑफिस…सभी पर इसका असर दिखना भी शुरु हो चुका है। जमीन लगातार हर दिन नीचे की तरफ आ रही है।

दहशत में हैं लोग

जमीन धंसने के कारण इलाके के लोग दहशत में हैं और उन्हें डर है कि उनके मकान कभी भी गिर सकते हैं। लोग रात को और भी डरते हैं। ऊपर से तापमान में लगातार यहां गिरावट आ रही है। ठंड में लोग ना ही घर में रह सकते है और ना ही आसमान के नीचे। कोई घर के बाहर आग जलाकर बैठ रहा है तो कोई दूसरे रिश्तेदारों के घर में जा कर रह रहे हैं। अब लोग पलायन करना भी शुरू कर चुके हैं।

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सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है शहर

भारत-चीन LAC से लगते चमोली जिले में बसा शहर सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसी जगह से बद्रीनाथ, माणा, फूलों की घाटी और हेमकुंड के लिए रास्ता जाता है। इसी वजह से ये धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके पास ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी है। जहां हर साल गर्मियों और सर्दियों में लाखों टूरिस्ट आते हैं, लेकिन अब ये शहर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। सरकार को लेकर नाराजगी है कि कोई सुध लेने वाला नहीं है।

आपस में सट गए हैं होटल 

जमीन धंसने की वजह से दो होटल आपस में सट गए हैं। होटल कभी भी एक दूसरे के ऊपर गिर सकता है। होटल खाली कराया जा रहा है। सामान टेंपो में भरकर जा रहा है। होटल मालिक की पूरी पूंजी लगा दी थी। मालिक का कहना है एनटीपीसी प्रोजेक्ट टनल, जेपी प्रोजेक्ट और अन्य ऐसे प्रोजेक्ट्स ने जोशी मठ को संकट में डाल दिया है। लोगों के घर में दरार दीवार और जमीन फर्श में आ गई है। घर के बर्तन बाहर रखे हैं। लोगों में खौफ है कि ना जाने कब किस पल और रात को क्या होगा। दैवीय आपदा के लिहाज से सिस्मिक जोन 5 में आने वाले जोशी मठ पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। जानकारी के अनुसार, अब तक 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

निर्माण तत्काल रोकने की मांग

प्रदर्शन में लोगों ने नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के तपोवन-विष्णुगढ़ एनर्जी प्रोजेक्ट बनाए जाने के कारण जमीन धंसने की समस्या बढ़ने की बात कही है। उन्होंने इसे तत्काल रोकने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने NTPC की एक सुरंग और बद्रीनाथ के लिए जाने वाले एक बाईपास रोड के निर्माण को रोकने की मांग भी की। सिंहधार और मारवाड़ी में दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिंहधर जैन मोहल्ले के पास बद्रीनाथ एनएच और मारवाड़ी में वन विभाग की चेक पोस्ट के पास जेपी कंपनी गेट में लगातार दरारें आ रही हैं। यह दरार हर घंटे बढ़ रही है जो चिंताजनक है।

16 वार्डों की स्थिति खराब

जोशीमठ के सभी 16 वार्डों की स्थिति खराब है। मारवाड़ी भूमि में पानी का बहाव नहीं रुक रहा है, जिससे निचले हिस्सों में स्थित घर तबाह हो रहे हैं। सिंहधार में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में दरार आ गई हैं। जेपी कंपनी के परिसर में जमीन के साथ-साथ घरों की दीवारों से भी पानी का रिसाव हो रहा है। खेतों की दरार में ये पानी घुस रहा है। खास बात यह है कि पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट इस बारे में लगातार आगाह करते रहे हैं उसके बावजूद निर्माण होता रहा।

(चमोली से दीपक दुबे की स्पेशल रिपोर्ट)

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Jan 06, 2023 08:30 PM

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