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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

वसीम रिजवी से बने जितेंद्र नारायण त्यागी, अब फिर से बदला अपना नाम, इस बार बदल डाली कास्ट

Jitendra Narayan Tyagi New Name: इस्लाम छोड़ हिंदू बने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने फिर अपना नाम बदला लिया है। अब उनका नया नाम ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर है।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Nov 1, 2024 13:10
Jitendra Narayan Tyagi

Jitendra Narayan Tyagi New Name: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने 2021 में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था। वसीम रिजवी से वह जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए। एक बार फिर से जितेंद्र नारायण त्यागी चर्चा में हैं, क्योंकि उन्होंने एक बार फिर से अपने नाम में बदलाव किया है। इस बार त्यागी ने नाम के साथ-साथ अपनी जाति भी बदल ली है। उनका नया नाम ‘ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर’ है। इस बार वह ब्राह्मण समुदाय छोड़कर वह ठाकुरों में शामिल हो गए हैं।

क्यों बदला नाम?

वसीम रिजवी उर्फ ​​​​जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने अपना नाम एक बार फिर से बदलने की वजह बताई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,उन्होंने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभात सिंह सेंगर से उनकी पुरानी दोस्ती है। उन्होंने ही मुझे अपने परिवार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। प्रभात सेंगर की मां यशवंत कुमारी सेंगर ने कानूनी हलफनामे के जरिए उन्हें अपने बेटे के रूप में अपनाया है। जिसकी वजह से वह त्यागी से सेंगर बन सके हैं। हालांकि, उन्होंने ये साफ कर दिया है कि उनकी संपत्ति पर उनका कोई अधिकार नहीं होगा।

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परिवार ने तोड़ लिया था नाता

हिंदू धर्म अपनाने के बाद रिजवी को इस्लाम से निष्कासित कर दिया गया था। उनके खिलाफ फतवे भी जारी किए गए। रिजवी ने कुरान की 26 आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें दावा किया गया कि इनसे आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है, इसलिए इन आयतों को कुरान से हटा दिया जाना चाहिए। इससे मुस्लिम समुदाय के मौलवियों ने उनको धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए उन्हें निष्कासित कर दिया था।

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आपको बता दें कि कि इस्लाम धर्म छोड़ने के बाद उनके परिवार में भी काफी उथल-पुथल मची थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद उनकी मां और भाई ने उनसे सारे रिश्ते तोड़ दिए थे। सेंगर परिवार के साथ जुड़कर एक बार फिर से जितेंद्र नारायण को अपना परिवार मिल गया है।

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First published on: Nov 01, 2024 01:09 PM

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