Hathras Stampede Survivors Emotional Story: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ में कई लोगों के परिवार उजड़ गए। किसी ने पत्नी खोई, किसी की बेटी की लाश मिली। किसी के घर का चिराग बुझ गया। किसी से मां का हाथ छूट गया। अपनों की तलाश में लाशों की कतारों के बीच रोते बिलखते लोगों की चीख पुकार सुनकर किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाए। हाथरस में तबाही का मंजर, लाशों के ढेर लगे हैं…जिसके सत्संग में भगदड़ मची, वे भोले बाबा परिवार के साथ भाग खड़े हुए हैं।
किसी की मौत दम घुटने से हुई, किसी की पैरों तले कुचले जाने से जान गई। पुलिस तय नहीं कर पा रही कि 121 मौतों का जिम्मेदार कौन है? सरकार जांच कमेटियां बनाकर जिम्मेदारी निभा रही, लेकिन एक सत्संग उत्तर प्रदेश को कभी न भूलने वाला जख्म दे गया। हाथरस के पीड़ितों की जुबानी, उनके दर्द की कहानी सुनिए और जानिए कैसे मौत उनके अपनों को अपनी तरफ खींच ले गई?
#BreakingNews
More than a hundred devotees died in a stampede at Ratibhanpur Bholebaba’s satsang in Hathras, #UttarPradesh. May Lord Kamtanath grant peace to the dead souls and provide strength to the families in this hour of grief.। 😥😥😥#हाथरस#Satsang pic.twitter.com/rOrSzSOWGE---विज्ञापन---— Journalist Sanjay Sahu चित्रकूटी (@Sahu24x7) July 2, 2024
बुजुर्ग से लेकर 6 महीने की बच्ची की लाशें मिलीं
हाथरस के सोखना गांव में रहने वाले 31 वर्षीय प्रताप सिंह ने हाथरस में अपनी बुजुर्ग मां जयमंती देवी, भाभी राजकुमारी और भतीजी भूमि को खो दिया। भतीजी भूमि का शव अलीगढ़ में, भाभी का शव हाथरस में और मां की लाश आगर अस्पताल में मिली। व्हाट्सऐप पर मरने वालों की फोटो देखी तो मां की तस्वीर नजर आई। पूरा परिवार खत्म हो गया। भाई के 3 और बच्चे हैं, बिना मां के वे अपनी जिंदगी कैसे जिएंगे?
गांव में ही रहने वाले 32 वर्षीय रिंकू ने अपनी चाची सोन देवी को खो दिया। वह अपनी जान बचाने के लिए भीड़ से निकल ही नहीं पाई। उनका शव खेत में मिला। सोखना से करीब 50 किलोमीटर दूर दोंकेली में रहने वाली कमलेश देवी (22) और उसकी 6 महीने की बेटी चंचल की लाशें हाथरस के जिला अस्पताल में मिलीं।
ये वीडियो #हाथरसभगदड़ से पहले सत्संग में जुटी भीड़ का है. सत्संग के पास से गुजरते हुए बस में बैठे किसी शख़्स ने ये वीडियो बनाई है. वीडियो से ही पता चल रहा है कि भीड़ लाखों में थी. #HathrasSatsangAccident #हाथरससत्संग #HathrasSatsangStampede #HathrasStampede #HathrasTragedy pic.twitter.com/P7nDWrbSX9
— Dr. Ravindra Rana (@DrRana777) July 4, 2024
साढ़े 3 साल के बच्चे की लाश घटनास्थल पर मिली
रायबरेली के एक गांव से आए छेदी लाल अपनी बेटी रूबी और उसके बेटे के साथ सत्संग में आए थे। जब भगदड़ मची तब वे दोहते को लेकर निकल गए, लेकिन भीड़ में उसका हाथ छूट गया। दोहता लापता हो गया और रूबी भीड़ में फंस गई। लोगों के पैरों तले कुचली गई। काफी तलाश करने के बाद हाथरस के जिला अस्पताल से उसकी लाश मिली। कासगंज के रहने वाले राजेश अपनी मां की तस्वीर लेकर अस्पतालों में भटक रहे थे।
न्यूज में मां की लाश की फोटो देखी, लेकिन उनकी पहचान शकल से नहीं, कपड़ों से हुई। कमला नामक महिला ने अपनी 16 साल की बेटी को खो दिया। वह 20 साल से सत्संग में आ रही थी और पहली बार बेटी साथ आई थी, लेकिन दम घुटने से उसकी मौत हो गई। विनोद नामक शख्स ने अपनी पत्नी और मां को खो दिया।
पत्नी और बेटी के शव मिल चुके हैं। मां की अभी तक शिनाख्त नहीं हुई। हादसास्थल से साढ़े 3 साल के बच्चे की लाश मिली, जो अपनी मां के साथ सत्संग में आया था। अलीगढ़ के रहने वाले बच्चे की मां अभी तक लापता है। महताब नामक शख्स की पत्नी गुड़िया की मौत हो गई है, जबकि महताब कहता है कि उसने खराब मौसम देखते हुए उसे सत्संग में जाने से रोका था।