UP Hathras Stampede Incident : उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को दर्दनाक हादसा हो गया, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ ने 134 लोगों की जिंदगियां लील लीं। मरने वालों में सबसे ज्यादा बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं। अब बड़ा सवाल उठता है कि इस हादसे का असली जिम्मेदार कौन है?
योगी सरकार ने गठित की जांच टीम
हाथरस सत्संग हादसे मामले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन से लेकर आयोजकों के खिलाफ एक्शन हो सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दी, जो इस मामले की जांच पड़ताल करेगी। यह भी कहा जा है कि कथावाचन भोले बाबा के खिलाफ जांच हो सकती है।
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स्थानीय पुलिस प्रशासन की भी होगी जांच
हाथरस भगदड़ मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन की लापरवाही की भी जांच होगी। आयोजक ने सत्संग में शामिल होने के लिए कितने लोगों की अनुमति मांगी थी और कितने लोगों की परमिशन मिली थी। यूपी पुलिस की एलआईयू ने परमिशन लेटर में क्या लिखा था, ये भी अहम सवाल है। अगर एलआईयू ने धार्मिक कार्यक्रम में ज्यादा लोगों के पहुंचने की जानकारी दी थी तो इसके लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने क्या कदम उठाए? किसी भी आयोजन के लिए एनआईयू की रिपोर्ट मांगी जाती है।
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दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई : CM
अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि स्थानीय प्रशासन को कैसे पता नहीं चला कि इतनी बड़ी संख्या में लोग तीन घंटे के सत्संग प्रोग्राम में एकत्रित होने वाले हैं। सरकार द्वारा गठित टीम सभी एंगल पर जांच करेगी और फिर सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपेगी। इसे लेकर सीएम योगी ने अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। वे घटनास्थल पर भेजे गए मंत्रियों, मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, कठोर कार्रवाई होगी।