Hathras Stampede : हाथरस जिले में जुलाई 2024 में सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की दुखद मृत्यु हुई थी। इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक भोले बाबा को क्लीन चिट मिल गई है। घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट दी है और हादसे के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
SIT की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सिकंदराराऊ के उपजिलाधिकारी (SDM), पुलिस क्षेत्राधिकारी (CO), तहसीलदार, थानाध्यक्ष, और दो चौकी इंचार्ज सहित छह अधिकारियों पर कार्रवाई की गई और उन्हें निलंबित किया गया है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की, जिसके बाद यह हादसा हुआ था।
क्या था हाथरस भगदड़ मामला?
2 जुलाई 2024 को हाथरस जिले के मुगल गढ़ी गांव में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए लोगों की भारी भीड़ पहुंची थी। यहां अचानक भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। इस घटना के बाद कम से कम 150 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। रिपोर्ट्स की मानें तो कार्यक्रम में 80 हजार लोगों को शामिल होना था लेकिन लगभग 250,000 लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
हाथरस भगदड़ मामले पर न्यायिक आयोग ने सौंपी रिपोर्ट
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— News24 (@news24tvchannel) February 21, 2025
कैसे मची थी भगदड़?
बता दें कि यह आयोजन सूरज पाल ने की थी जिन्हें नारायण साकार हरि या भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। आयोजन के लिए एक मैदान में अस्थायी तम्बू बनाया गया था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद अचानक भगदड़ मच गई और स्थिति बेकाबू हो गई। परिणामस्वरूप 121 लोगों की जान गई।
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उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, आयोजकों ने निकास मार्ग सुनिश्चित नहीं किए थे, जिसके कारण 2.5 लाख की भीड़ के लिए एक एंट्री और एग्जिट था। इस घटना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा पर शोक व्यक्त किया था। इसके साथ चीन, फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों ने भी शोक व्यक्त किया।