Hathras Kritath Murder Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बहुचर्चित छात्र कृतार्थ हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जेल में बंद डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उसके पिता समेत पांचों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। उन्हें सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। पुलिस ने कृतार्थ की हत्या के आरोप में स्कूल के कक्षा 8 के 13 वर्षीय छात्र को आरोपी बनाया है। आरोपी बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह स्कूल से छुट्टी चाहता था।
छुट्टी के लिए मर्डर
बार-बार पूछता था कि अगर कोई स्कूल में मर जाएगा तो क्या छुट्टी हो जाएगी। इसलिए उसने 22 सितंबर की रात को लाल गमछे से गला दबाकर छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी थी। इसके बाद हॉस्टल में जाकर सो गया था। जानकारी के अनुसार थाना चंदपा के गांव चुरसेन का 11 वर्षीय छात्र कृतार्थ सहपऊ क्षेत्र के रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था।
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पिता श्रीकृष्ण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। हत्या के अगले दिन उसके परिवार के लोगों को स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने सूचना दी थी कि कृतार्थ की तबीयत खराब है। जब परिजन हॉस्टल पहुंचे तो वहां कृतार्थ नहीं मिला। परिजनों ने फोन पर प्रबंधक दिनेश बघेल से पूछा तो उसने गुमराह किया था। परिजनों ने पुलिस की मदद से प्रबंधक दिनेश बघेल को हाथरस के सादाबाद में पकड़ लिया था। उसकी गाड़ी से कृतार्थ की लाश बरामद की थी।
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उस समय UP पुलिस ने कहा था कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल का पिता जशोधन उर्फ भगत तंत्र-मंत्र करता था। तंत्र-मंत्र और बलि देने के चक्कर में छात्र कृतार्थ की हत्या की गई। जशोधन और दिनेश को विश्वास था कि तंत्र-मंत्र और बलि देने से स्कूल और काम-धंधे में तरक्की होगी। पुलिस ने अपनी जांच में इसी घटनाक्रम को मानते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन अब हत्या में नया मोड आया है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कृतार्थ की हत्या के आरोप में स्कूल के एक छात्र को आरोपी बनाया है। आरोपी मथुरा का रहने वाला है। घटना से 3 माह पहले ही उसने स्कूल में कक्षा 8 में दाखिला लिया था।
आरोपियों को मिली बेल
आरोपी पक्ष के वकील डॉ. पार्थ गौतम के अनुसार मामले में स्कूल मैनेजर समेत पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई है। हालांकि अभी भी वे जेल से रिहा नहीं हुए हैं। क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। हाथरस बीएसए ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था।