Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले 10 लाख लोग 8 साल से मेट्रो का इंतजार कर रहे है। बृहस्पतिवार को जब केंद्र सरकार ने बोड़ाकी तक मेट्रो को मंजूरी दी तो ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों की भी उम्मीद जगी, लेकिन एक बार फिर से यहां के लोगों को निराशा हाथ लगी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो कब दौड़ेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्थानीय सांसद डाॅक्टर महेश शर्मा भी इस मुद्दा संसद में उठा चुके है, उसके बावजूद स्थिति जस की तस है।
आरआरटीएस है सबसे बड़ा ब्रेकर
नोएडा के सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नॉलेज पार्क 5 तक प्रस्तावित ग्रेटर नोएउा वेस्ट परियोजना में सबसे बड़ा ब्रेकर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) है। गाजियावाद से जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक प्रस्तावित नमो भारत रेल परियोजना का रूट डिसाइड होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का काम शुरू हो सकेगा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को मेट्रो के लिए अभी कई और साल इंतजार करना होगा।
एक मूर्ति गोलचक्कर के पास जुड़ेगी रैपिड मेट्रो
अभी तक की योजना के अनुसार गाजियाबाद से एक मूर्ति गोलचक्कर के पास रैपिड मेट्रो आकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जुड़ेगी। नमो भारत रेल का रूट फाइनल होने के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी। एक ही ट्रैक पर दोनों के संचालन में तकनीकी सामंजस्य नहीं बन पा रहा है। जब तक यह रूट डिसाइड नहीं होता ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के लिए मेट्रो महज सपना जैसा है।
फूटा निवासियों का गुस्सा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी व लोगों की आवाज उठाने वाली संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक ने कहा है कि बोड़ाकी तक मेट्रो मंजूरी के लिए सरकार को बधाई। उसी सरकार से सवाल है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 10 लाख लोग 8 साल से मेट्रो का इंतजार कर रहे है। वह लोग भी वोटर है। वोट का अधिकार उनका भी है। क्या बोड़ाकी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को मेट्रो की जरूरत नहीं है।
रोज आफिस जाना होता है एयरपोर्ट नहीं
एयरपोर्ट कनेक्टिविटी के चक्कर में लेट हो रही ग्रेटर नोएडा वेस्ट की मेट्रो को लेकर लोगों ने सवाल किया है। ग्रेनो वेस्ट निवासी मनीष का कहना है कि आरआटीएस का रूट फाइनल नहीं होगा तो क्या ग्रेनो वेस्ट में मेट्रो नहीं आएगी। एयरपोर्ट तो कभी कभार जाना होगा, आफिस तो हमें रोज जाना पड़ता है। लोगों का आफिस नोएडा में है। ऐसे में यहां मेट्रो की जरूरत ज्यादा है।
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