Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को अभी मेट्रो के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। अब पहले ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक मेट्रो चलेगी। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में केंद्र से मंजूरी मिलते ही इसके निर्माण की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। अगर इसी महीने बोड़ाकी रूट को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो डिजाइन कंसलटेंट के चयन के लिए अगले महीने आरएफपी जारी कर दी जाएगी। डेढ़ से दो महीने में एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद कम से कम अगले चार महीने में एजेंसी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो रूट बनाने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा।
जिले का सबसे छोटा मेट्रो रूट होगा बोड़ाकी
जिले में ग्रेटर नोएडा वेस्ट, बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक तीन नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। इनकी डीपीआर भी शासन को भेज दी गई है। अगले सप्ताह होने वाली केंद्रीय बैठक में बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक दो मेट्रो परियोजनाओं के प्रेजेंटेशन के लिए नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को बुलाया गया है। एनएमआरसी अधिकारियों ने बताया कि यह एक्वा लाइन का एक्सटेंशन रूट होगा।
बोड़ाकी में बनेगा बड़ा स्टेशन
अभी एक्वा लाइन पर नोएडा के सेक्टर-51 से ग्रेनो के डिपो मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो चल रही है। अब मेट्रो ग्रेनो डिपो से बोड़ाकी तक जाएगी। इस रूट पर जुनपत और बोड़ाकी दो ही मेट्रो स्टेशन होंगे। बोड़ाकी में बड़ा स्टेशन बनाया जाएगा। यह जिले का सबसे छोटा मेट्रो रूट होगा। इस पर करीब 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चूंकि इसका बजट पांच सौ करोड़ से कम है, इसलिए इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और जल्द ही इस पर काम शुरू हो सकता है।
काम शुरू होने के तीन साल में दौड़ने लगेगी मेट्रो
बोड़ाकी मेट्रो का काम शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा। इस रूट पर मेट्रो दौड़ने के शुरुआती साल में करीब 14 हजार राइडरशिप का अनुमान है। इसके बाद यह राइडरशिप बढ़ती रहेगी। बोड़ाकी में रेलवे और बस टर्मिनल भी बनेगा। बोड़ाकी में बनने वाला स्टेशन बड़ा मेट्रो स्टेशन होगा। वहीं, यहां मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाना है। साथ ही यहां लोगों के ठहरने के लिए होटल भी बनाए जाएंगे। यहां ट्रेन, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस अड्डा और स्थानीय परिवहन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां रेलवे और बस टर्मिनल बनाया जाएगा। ऐसे में अधिक संख्या में लोगों की आवाजाही होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस रूट पर मेट्रो चलाने का निर्णय लिया गया है।
ग्रेनो वेस्ट को दो बार मिल चुकी है मंजूरी
ग्रेनो वेस्ट के रूट को दो बार मंजूरी मिल चुकी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो विस्तार परियोजना की डीपीआर को प्रदेश सरकार दो बार मंजूरी दे चुकी है। दूसरी मंजूरी इसी साल पांच फरवरी को मिली थी। मेट्रो चलने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों लोग यहां मेट्रो के संचालन को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। 17 किलोमीटर लंबे रूट पर 11 स्टेशन बनाने की योजना है। इस रूट पर मेट्रो का काम जल्द शुरू करने का आश्वासन कई बार दिया जा चुका है, लेकिन अब तक इसका काम शुरू नहीं हो सका है।