Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित व्हाइट ऑर्किड सोसायटी एक बार फिर चर्चा में है. इस बार वजह है एओए (एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स) के हाल ही में हुए चुनाव. सोसायटी के कुछ निवासियों ने गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाए हैं. मामले ने तूल तब पकड़ा जब निवासियों ने डिप्टी रजिस्ट्रार से इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग कर दी.
निर्विरोध चयन पर भी खड़े हुए सवाल
इस वर्ष एओए के लिए कुल 9 पदों पर चुनाव घोषित किए गए थे. चूंकि किसी भी पद पर कोई अन्य प्रत्याशी सामने नहीं आया, ऐसे में सभी नौ उम्मीदवारों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया. अध्यक्ष अजय रुहेला चुने गए जबकि सचिव विकास कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष सुदीप कुमार, सदस्य अनूप कुमार मिश्रा, सुनील कुमार वर्मा, सुधीर कुमार गोयल, ऐश्वर्य प्रकाश पांडे और गौरव सिंह चुने गए. अध्यक्ष अजय रुहेला ने कहा कि सोसायटी के विकास के लिए पारदर्शिता के साथ कार्य किए जाएंगे.
निवासियों ने लगाए गंभीर आरोप
हालांकि, निवासियों का एक बड़ा वर्ग इस प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है. सुमित कुमार शर्मा निवासी ने आरोप लगाया कि एओए मनमाने तरीके से कार्य कर रही है. सोसाइटी के निवासियों के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. उनका कहना है कि डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा पूर्व में एओए की जीबीएम को निरस्त किया गया था. इस निर्णय को चुनौती देने के लिए संबंधित पक्ष हाईकोर्ट भी गया, लेकिन वहां रेजिडेंट्स द्वारा पहले से कैविएट दायर कर दी गई थी.
जीबीएम की जगह एजीएम घोषित
आरोप है कि एओए ने कथित रूप से नया रास्ता अपनाते हुए जीबीएम की जगह एजीएम घोषित कर दी. बैकडेट में फर्जी नोटिस जारी कर सोसायटी के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिए. निवासियों का आरोप है कि यह सब कुछ सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया.
डिप्टी रजिस्ट्रार से की गई कार्रवाई की मांग
विवाद बढ़ने के साथ ही कई रेजिडेंट्स ने डिप्टी रजिस्ट्रार को लिखित शिकायत सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो सोसायटी में असंतोष और बढ़ सकता है.
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