Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा व नोएडा की कचरा प्रबंधन समस्या के समाधान का काम 75 फीसद पूरा हो गया है। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा अस्तौली गांव में निर्मित किया जा रहा कचरा निस्तारण संयंत्र अगले वर्ष मार्च 2026 तक चालू कर दिया जाएगा। संयंत्र में मिश्रित कचरे को प्रोसेस कर टोरिफाइड चारकोल (कोयले जैसा ईंधन) तैयार किया जाएगा जिससे बिजली उत्पादन संभव होगा।
900 टन प्रतिदिन की प्रोसेसिंग क्षमता
संयंत्र की कुल क्षमता 900 टन प्रतिदिन होगी। इसमें से 600 टन कचरा नोएडा और 300 टन ग्रेटर नोएडा क्षेत्र से लाया जाएगा। इस परियोजना के लिए एनटीपीसी को 20 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। अब तक 75 फीसद कार्य पूरा किया जा चुका है। मशीनों की स्थापना की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।
टेक्नोलॉजी से कचरे का वैज्ञानिक निस्तारण
संयंत्र में अत्याधुनिक तकनीक से कचरे को निस्तारित किया जाएगा ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे। तैयार किया गया टोरिफाइड चारकोल बिजली उत्पादन में प्रयोग होगा जिससे न केवल कचरे का समाधान मिलेगा बल्कि राजस्व अर्जन का नया स्रोत भी विकसित होगा।
बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास
संयंत्र की स्थापना के साथ-साथ अस्तौली क्षेत्र में सड़क, बिजली, जलापूर्ति व अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास भी तेजी से किया जा रहा है। दनकौर-सिकंदराबाद मार्ग को संयंत्र से जोड़ा जा रहा है ताकि परिवहन व्यवस्था बेहतर हो सके।
126 एकड़ में विकसित हो रहा अत्याधुनिक निस्तारण केंद्र
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अस्तौली गांव के पास 126.54 एकड़ भूमि पर सैनिटरी लैंडफिल साइट भी विकसित की जा रही है। रोजाना उत्पन्न होने वाले कचरे को उसी दिन वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित कर लिया जाएगा।
बेहतर होगी व्यवस्था
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि इससे शहर की सफाई व्यवस्था बेहतर होगी। बिजली उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में यह प्लांट अहम भूमिका निभाएगा।