Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में OPERATION TALAASH के तहत पुलिस ने 5 साइबर अपराधियों को धर दबोचा है। आरोपी साइबर अपराधियों को बैंक खाता, डेबिट कार्ड और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। प्री एक्टिवेट सिम बेचना पूरी तरह से बैन है। इसका इस्तेमाल साइबर अपराध व अन्य आपराधिक गतिविधियों में पुलिस से बचने के लिए किया जाता है।
ठगी में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल बरामद
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार को सूरजपुर थाना क्षेत्र के घंटा गोलचक्कर के पास से 5 आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में चनप्रीत सिंह, रणवीर सिंह, जगमोहन धाकड़, नवीन और आदित्य शर्मा शामिल है। इनके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 8 सिम कार्ड, 7 डेबिट कार्ड, 1 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड और 1 चेकबुक बरामद हुई है।
ऐसे करते थे अपराध
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह भारतीय नागरिकों को फर्जी गेमिंग व ट्रेडिंग एप्स के जरिये या डिजिटल अरेस्ट जैसे हथकंडो से धोखा देकर उनकी निजी जानकारी और धन हड़प लेता था। गिरोह के सदस्य बैंक खाताधारकों को मामूली कमीशन का लालच देकर उनके खातों की संपूर्ण जानकारी और खाते से जुड़ी सिम को रिमोट एक्सेस ऐप के जरिए साइबर अपराधियों तक पहुंचाते थे। इसके बदले हर खाते पर आरोपी 15,000 रुपये तक कमा लेते थे।
क्रिप्टो करेंसी में बदल देते थे रकम
साइबर अपराधी इन खातों का इस्तेमाल कर पीड़ितों से ठगे गए पैसे को ट्रांसफर करते थे। बाद में कई अन्य खातों या क्रिप्टो करेंसी में बदल दिए जाते थे। यह सारा पैसा गिरोह के सदस्यों में बांटा जाता था। मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम को डीसीपी ने 25 हजार का ईनाम दिया है।
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