Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो कि नोट बदलने के नाम पर लोगों को जाल में फंसाया था। लाखों की ठगी करने के बाद गायब हो जाता था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 लग्जरी गाड़िया बरामद की है। ठगी की रकम से आरोपी आधा दर्जन से ज्यादा लग्जरी गाड़िया खरीद चुके है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान लोकेश मिश्रा, पवन मिश्रा व संजीव कुमार के रूप में हुई है। तीनों अलग-अलग जनपद के रहने वाले है।
पहले करते थे दोस्ती
ठगी करने से पहले आरोपी पीड़ित से दोस्ती करते थे। उसको भरोसे में लेने के बाद उसके साथ पार्टी करते थे। तभी आरोपी उससे कहते थे कि हम लोगों को 500-500 की बडी नोट 10 लाख रुपये दोगे तो हम लोग तुरंत 100 व 200 की छोटी नोट के रुप में तुमको 12 लाख रुपये वापस कर देगे। 2 लाख के मुनाफा का झांसा देकर आरोपी पीड़ित को जाल में फंसाते थे। ऐसे ही आरोपियों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में घटना को अंजाम दिया।
10 लाख की थी ठगी
आरोपियों ने 1 जुलाई को गाजियाबाद के क्रासिंग में रहने वाले पीड़ित को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित चेरी काउंटी पेट्रोल पंप के पास बुलाया। पीड़ित बैग में मौजूद 10 लाख रूपये दिखा रहा था तभी उसको चकमा देकर रूपयों से भरा बैग लेकर लोकेश मिश्रा, अरमान, संजीव, पवन मिश्रा भाग गए। तीनों अलग-अलग गाड़ियों में बैठकर फरार हो गए। इस संबंध में पीड़ित की तहरीर पर बिसरख कोतवाली में केस दर्ज किया गया था।
लग्जरी गाड़ियां व कैश बरामद
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से लग्जरी गाड़ियां सलाविया, आई 20 व स्कार्पियो मिली है। 4 लाख 83 हजार कैश भी बरामद हुआ है। यह कैश ठगी का है। ठगी की रकम से आरोपी लग्जरी गाड़ियां खरीदते थे और मौज मस्ती करते थे।
गाजियाबाद व झांसी में रह चुके है सक्रिय
आरोपी उत्तर प्रदेश के जिला झांसी व गाजियाबाद में भी पूर्व में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुके है। वहां से आरोपी जेल भी जा चुके है। अब आरोपी नोएडा में पैर जमाने के चक्कर में थे तभी पुलिस ने आरोपियों पर नकेल कस दी है।
ठगी की रकम से खोल ली ट्रैवल कंपनी
आरोपियों ने ठगी की इतनी घटनाओं को अंजाम दिया कि उन लोगों ने ट्रैवल कंपनी खोल ली। उत्तर प्रदेश के अमेठी में इसका आफिस है। आरोपी ठगी करने के लिए मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बीच लगातार यात्रा करते थे। लाॅजिस्टिक का कारोबार होने की वजह से आरोपियों का कई कारोबारी से संपर्क था। इसी का फायदा आरोपी उठाते थे।