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Greater Noida News: 5 गोली मारकर युवक की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास, जानें ग्रेटर नोएडा में किस अदालत ने सुनाई सजा

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्रा की अदालत ने हत्या के मामले में 14 साल बाद दोषी लोकेंद्र को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है। लोकेंद्र पर 60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : praveen vikram Updated: Jul 10, 2025 20:57

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्रा की अदालत ने हत्या के मामले में 14 साल बाद दोषी लोकेंद्र को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है। लोकेंद्र पर 60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना की रकम नहीं देने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। इस केस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट व गवाहों की गवाही अहम साक्ष्य बने। कोर्ट ने माना कि हत्या बेहर विभत्स तरीके से की गई थी। मृतक को 5 गोली मारी गई थी। हत्याकांड 15 दिसंबर 2011 को जमालपुर गांव में हुआ था।

शहजाद की हुई थी हत्या

घटना वाली रात 15 दिसंबर 2011 को भंवर सिंह श्यामनगर मंडी से अपने गांव राजपुर कलां लौट रहे थे। रास्ते में दनकौर थाना क्षेत्र के जमालपुर गांव के खेतों के पास आरोपी लोकेन्द्र व दो अज्ञात व्यक्तियों से कहासुनी हो गई। तभी उनका भतीजा शहजाद बाइक से वहां पहुंचा। झगड़े के दौरान लोकेन्द्र ने शहजाद पर तमंचे से 5 गोलियां दागी थी। हमले में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की रिपोर्ट दनकौर थाना में दर्ज की गई थी। पुलिस ने लोकेन्द्र और तिलकचंद को गिरफ्तार कर उनके पास से तमंचा और कारतूस बरामद किए थे।

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14 सालों तक चली सुनवाई

करीब 14 वर्षों तक चले केस में अभियोजन पक्ष ने 13 गवाह पेश किए। प्रमुख गवाह भंवर सिंह ने अदालत में स्पष्ट रूप से बताया कि उसके सामने ही लोकेन्द्र ने शहजाद को गोली मारी थी। वहीं, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर संतराम वर्मा ने भी गवाही दी कि मृतक के शरीर पर गोली लगने के निशान थे।

गवाही और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनी निर्णायक आधार

न्यायाधीश सोमप्रभा मिश्रा ने अपने निर्णय में कहा कि भंवर सिंह का प्रत्यक्षदर्शी बयान विश्वसनीय है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस तथ्य की पुष्टि करती है कि मौत गोली लगने से हुई। न्यायालय ने यह भी कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में यदि पूरी समानता नहीं भी हो, तब भी प्रत्यक्षदर्शी और चिकित्सीय रिपोर्ट जैसे पुख्ता सबूत अभियोजन को मजबूत करते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मात्र इस आधार पर कि बरामद हथियार और घटनास्थल के साक्ष्य में पूर्ण मेल नहीं है। ऐसे में अभियोजन पक्ष को कमजोर नहीं ठहराया जा सकता। सबूतों के आधार पर लोकेन्द्र को दोषी करार दिया गया।

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मजबूत पैरवी आई काम

पुलिस ने इस मामले में इन दिनों मजबूत पैरवी की। गवाहों का कोर्ट पहुंचना निश्चित करने के साथ ही गवाही भी समय से पूरी कराई गई। मजबूत पैरवी के चलते ही दोषी को सजा हो सकी है।

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First published on: Jul 10, 2025 08:57 PM

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